चंडीगढ़ : प्रदूषण फैलाने के आरोप में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पानीपत रिफाइनरी को 17 करोड़ रूपए जुर्माना ठोका है। एनजीटी के निर्देशों पर कार्रवाई हुए हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हरियाणा ने पानीपत रिफाइनरी की एक यूनिट को बंद करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। अब पानीपत रिफाइनरी की मांग पर यूनिट को दोबारा चालू करने संबंधी सोमवार को फैसला होने की संभावना है। यह तय माना जा रहा है कि पानीपत रिफाइनरी को पहले जुर्माना अदा करना होगा, उसके बाद ही किसी तरह का निर्णय लिया जाएगा।
पानीपत रिफाइनरी के निकटवर्ती गांव बोहली के सरपंच विक्रम सिंह ने बताया कि पानीपत रिफाइनरी के खिलाफ गांव सिंहपुरा सिथाना, ददलाना व बोहली के सरपंचों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) दिल्ली को शिकायत सौंपी थी। शिकायत में कहा गया था कि पानीपत के कुछ गांवों में भारतीय तेल निगम लिमिटेड की पानीपत रिफाइनरी से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है। जिस पर एनजीटी ने संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। इसमें सेंटर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी), हरियाणा स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (एचएसपीसीबी) व पानीपत की डीसी शामिल थी।
एचएसपीसीबी के सीनियर साइंटिस्ट राजेश गडिया को टीम का नोडल अधिकारी बनाया गया था। उनकी देखरेख में ही ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की गई। जांच दल ने इस दौरान कई गांव से पानी के सैंपल चैक किए। रिफाइनरी की अंदरूनी और बाहरी जगह की चैकिंग की। हालांकि जांच टीम द्वारा रिफाइनरी के उन पाइपों को भी बंद करवा दिया गया है, जिनके जरिए पानी ड्रेन या अन्य जगह जा रहा था। पूरा आंकलन करने के बाद पाया गया कि पानीपत रिफाइनरी बहुतायत मात्रा में प्रदूषण फैला रही है।
(राजेश जैन)