सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की बर्बरता से हत्या का मामला शुक्रवार को लोगों की जुबान पर चढ़ा रहा। सोशल मीडिया पर इस हत्या की वीभत्व तस्वीरें शेयर की जाती रहीं। हरियाणा में सोनीपत जिले के कुंडली में किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास इस व्यक्ति का शव बैरिकेड से बंधा मिला। एक हाथ कटा खून से लथपथ। जिसकी जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली है।उन्होंने इसका कारण पवित्र ग्रंथ की बेअदबी बताया है।जिसमे से चार निहगों ने आत्मसमर्पण कर लिया है। परन्तु लखबीर सिंह(मृतक व्यक्ति) की बेरहमी से हत्या के बाद निहंगों के तेवरों में कोई नरमी नहीं आई है। निहंगों ने दो टूक कहा है कि वे चार साथियों का आत्मसमर्पण करवा चुके हैं। अब और आत्मसमर्पण नहीं करवाएंगे। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर अब भी पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की तो वे उन साथियों को भी छुड़वा लेंगे, जो जेल में हैं।
निहंगों ने शनिवार रात को दो निहंग सिखों के आत्मसमर्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह चेतावनी दी। इस दौरान बाबा राजाराम सिंह ने साफ कहा कि उन्हें कानून हाथ में लेने को मजबूर किया गया। 2015 से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाएं की जा रही थीं लेकिन सरकार व पुलिस ने उन्हें न्याय नहीं दिया। ऐसे में उन्हें अब यह काम करना पड़ा। इस दौरान बाबा अमनदीप ने धमकी दी कि भविष्य में भी कोई ऐसा करेगा तो उसे इसी तरह के अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। बाबा राजाराम सिंह ने मायावती की भी आलोचना की और उन्हें दलितों के बजाय ब्राह्मणों की नेता बताया।
पुलिस ने तीन निहंगों को छह दिन के रिमांड पर भेजा
सोनीपत पुलिस व सीआईए ने रविवार को तीन आरोपी निहंगों को अदालत में पेश किया। सरदार नारायण सिंह, भगवंत सिंह व गोविंद प्रीत सिंह को लेकर पुलिस अदालत पहुंची। तीनों को सिविल जज की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को छह दिन के रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों ने जज के सामने कबूल किया कि लखबीर सिंह की हत्या उन्होंने ही की। नारायण सिंह ने कहा कि उन्होंने पैर काटा तो भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने उसे लटकाया था।