करनाल : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में की गई ग्रुप डी की भर्तियों में जिन उम्मीदवारों को नौकरी मिली है। इस नौकरी में बी.ए., एम.ए., बी.टेक व उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की नियुक्ति हुई है। सरकार ने इन युवाओं को योग्यता के आधार पर आगे बढ़ने के लिए निर्णय लिया है कि अब वह अपनी योग्यता के अनुसार आगे बढ़े इसके लिए उन्हे सरकार से एनओसी लेने की जरूरत नहीं पडेगी।
मुख्यमंत्री सोमवार को करनाल के पंडित चिरंजी लाल राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज में आयोजित दो द्विवसीय महारोजगार मेला के समापन अवसर पर युवाओं से मुखातिब थे। उन्होंने जॉब मेला में आई देश की नामी कंपनियों द्वारा चयन किए गए 2300 युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल जाने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि इनमे से 690 उम्मीदवार अकेले करनाल जिले से है। मुख्यमंत्री ने 4 युवक-युवतियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे, जिनमें शिखा, रूबल, अनु और शुभम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देना एक बडी चुनौती थी।
प्रदेश सरकार ने उसे स्वीकार किया। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सत्त प्रयास किए गए। रोजगार मेले भी लगाए गए। परिणामस्वरूप साढे 4 सालों में 55 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। रोजगार मुहिया करवाया गया। इसके अतिरिक्त डेढ लाख युवाओं को निजी कम्पनियों में प्लेसमैंट करवाई गई। दो द्विवसीय मेला भी इसी श्रृखंला का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि अगले 8 महीनों में इस तरह के 12 ओर मेले प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे। इनके माध्यम से 30 हजार पढे-लिखे युवाओं को रोजगार से जोडने का लक्ष्य है। उन्होने बताया कि देश में सरकारी नौकरियों की संख्य सीमित है।
सभी को रोजगार नही दिया जा सकता। इस जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने पॉलिसी के तहत स्किल डव्लपमेंट को बढावा दिया है। इसके लिए प्रदेश के पलवल में श्री विश्वकर्मा स्किल डव्लपमेंट एजेंसी की स्थापना की गई है। बीते 1 नवंबर से इसमें काम शुरू कर 4 कोर्स प्रारम्भ कर दिए गए हैं। प्रतिवर्ष इसमें 12 हजार विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाएगा और स्किल डव्लपमेंट के करीब 800 कोर्स लिए जाएंगे। इसी प्रकार दूसरा स्कोप उद्योगो को बढावा देने से पूरा होगा। हरियाणा आज उद्योग लगाने के लिए अनुकूल प्रदेश बन गया है और यह इंवेस्टर की पहली पसंद है। प्रदेश में इंवेस्टर समिट का आयोजन भी किया गया था।
इसमें भाग लेने वाले 350 उद्योगपतियो में से 145 के एमओयू मेच्योर हो गए हैं। शेष पाईप लाईन में चल रहे हैं। उद्योग लगाने वालों की क्या-क्या जरूरतें व मांगे हैं। हमारी सरकार उन पर भी काम कर रही है। इसके तहत उन्हे रिहायतें दी जा रही हैं। उन्होने बताया कि उद्योगों की इज़ ऑफ डूईंग में वर्ष 2014 में हरियाणा की 14वीं रैंकिंग थी। 2016 में छटी रैंकिंग हुई और वर्ष 2018 में हमारा प्रदेश तृतीय स्थान पर आ गया है। उन्होने बताया कि प्रदेश में 23 हजार सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों की स्थापना हुई है। इनके माध्यम से डेढ लाख युवको को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में युवाओं को साक्षात्कार के समय उनके अनुभव के अंक भी दिए जाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत एक साल नौकरी करने पर आधा अंक और दस साल के अनुभव के 5 अंक दिए जाएंगे।
सरकार का एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को अवश्य रोजगार मिले। इसके तहत हाल ही में चतुर्थ श्रेणी में 18 हजार भर्ती किए गए युवाओं में से 12 हजार ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके घर में से एक भी व्यक्ति नौकरी पर नही था। उन्होने युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देते हुए कहा कि जॉब सीकर बनना तो ठीक है, लेकिन जॉब बैगर ना बने, बल्कि अपने इरादों से कामयाबी के उच्च स्थान को पाकर जॉब गीवर बने। रोजगार विभाग हरियाणा के महानिदेशक एवं विशेष सचिव टी.एल. सत्यप्रकाश ने दो दिवसीय महा रोजगार मेेले को सफल बताया और इसके लिए मुख्यमंत्री तथा नव ज्योति ग्लोबल सोल्यूशन्स प्राईवेट लिमिटेड का आभार व्यक्त किया।
उन्होने बताया कि प्रदेश मेें बेरोजगारो को रोजगार देने के लिए नई-नई कम्पनियों को आमंत्रित किया जा रहा है और युवाओं को स्किल स्लेबस से जोडकऱ कम्पनियों में नौकरी पाने के योग्य बनाया जा रहा है। नव ज्योति ग्लोबल सोल्यूशन्स प्राईवेट लिमिटेड के एमडी गुरशरण खुराना ने भी दो दिवसीय रोजगार मेले को सफल बताया।
– हरीश चावला