सिरसा : बेहद सादा जीवन व्यतीत कर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टर अपनी सादगी के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे लेकिन पिछले कुछ समय से उन्होनें कुछेक ऐसे काम कर दिए,जिससे उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। ताजा घटना इनेलो के गढ़ सिरसा की है,जहां मुख्यमंत्री खट्टर पत्रकारों को बाईट देते समय एक सवाल पर भड़क गए और पत्रकार को बुरी तरह से बेईज्जत करने का काम भी मुख्यमंत्री ने किया, जिसकी निंदा पत्रकार समाज तो कर ही रहा है । दरअसल मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रम कनेक्ट टू पीपल के तहत सिरसा पहुंचे थे और जब एक पत्रकार ने उनसे सीएम विंडों पर आने वाली शिकायतों का निपटारा खुद विभाग के अधिकारियों द्वारा करने की जानकारी देकर सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री खट्टर भड़क उठे।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि सीएम विंडों पर आने वाली शिकायतों का निपटारा अच्छे ढग़ से हो रहा है और अभी कुछ दिन पहले ही सीएम विंडों पर आई शिकायत के तहत दो अधिकारियों को भी संस्पेंड किया गया है, लेकिन पत्रकार द्वारा इस पर ये कहने के बाद कि सीएम विंडों की शिकायतों का निपटारा अधिकारी अपने ढग़ से कर देते है, पर मुख्यमंत्री और ज्यादा भड़क गए और कहने लगे कि तुम्हे बात करने की तमीज तक नही है और बोलते-बोलते यहां तक कह गए कि मुझे मीडिया की जरूरत नही है, मुझे जनता की जरूरत है। मीडिया तो केवल जनता की समस्याएं सरकार तक पहुंचाने का माध्यम है। मुख्यमंत्री खट्टर का ये रूप शायद इससे पहले किसी ने नही देखा होगा क्योकि मीडिया से इस तरह बात इससे पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने कभी नही की। हरियाणा पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष महावीर गोदारा, हयूज के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बलजीत सिंह व द प्रैस कल्ब सिरसा के प्रधान राजेंद्र ढाबां ने मुख्यमंत्री के मीडियाकर्मियों के साथ की गई बदसलूकी की कड़े शब्दों में निंदा की है। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि सिरसा में प्रदेश में सर्वाधिक लगभग 63 हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं।
सीएम विडों पर सुनवाई ना होने के कारण शनिवार को मौके पर ही मुख्यमंत्री के सामने अनेक लोग नये सिरे से अपनी शिकायतें लेकर आ दमके और न्याय की गुहार लगाने लगे तो मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी में बैठकर चलते बने।वहीं दूसरी ओर जिला के मीडिया कर्मियों ने वरिष्ठ पत्रकार आर के भारद्वाज की अगुवाई में मीडिया सेंटर में एक बैठक की जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने का निर्णय लिया, इसकी भनक ज्यों ही शासन व प्रशासन तक पहुंची तो हरियाणा पर्यटन निगम के चैयरमेन जगदीश चोपड़ा पत्रकारों के बीच पहुंचे और बोले की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कथन पर मीडिया से समक्ष अफसोस जाहिर किया जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने पुतला फूंकने का निर्णय टाल दिया। वहीं, दूसरी ओर समाजसेवी एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा सच्चाई के साथ पूछे गए सवाल पर मीडिया कर्मियों के प्रति आक्रोश दर्शाना किसी भी तरह से शोभाजनक नहीं है बल्कि यह उनकी बौखलाहट दर्शाता है।