रोहतक : लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन काठमंडी स्थित मतदान केन्द्र पर हुए विवाद को लेकर अदालत ने पुलिस अधीक्षक व शिवाजी कालोनी थाना प्रभारी को अवमानना का नोटिस भेजा है। अदालत ने पुलिस से जबाव मांगा है कि आखिर सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर व भाजपा नेता रमेश लौहार के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यो नहीं की गई, जबकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतू बहल की अदालत ने 24 जुलाई को पुलिस की पुर्न याचिका रद्द कर दी थी और पुलिस को इस संबंध में केस दर्ज करना था।
बार एसोसिएशन के प्रधान लोकेन्द्र फौगाट की तरफ से दायर याचिका पर पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि आखिर यह तो सीधे सीधे अदालत की अवमानना है। 24 घंटे के अंदर केस दर्ज होना चाहिए था, लेकिन अभी भी पुलिस मंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है, जिस पर ज्यूडिशल मैजिस्टे्रट विवेक सिंह की अदालत ने पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को अवमानना का नोटिस भेज कर 31 जुलाई को जबाव देने को कहा है।
बताया जा रहा है कि याचिका में बार के प्रधान द्वारा सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर व भाजपा नेता रमेश लौहार पर बूथ कैपचरिंग, धोखाधडी सहित गंभीर आरोप लगा रखे है। सोमवार को ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट विवेक सिंह की अदालत में मामले को लेकर सुनवाई हुई।
बार एसोसिएशन के प्रधान द्वारा दायर अर्जी पर पक्ष रखते हुए एडवोकेट एनके सिंगल ने बताया कि इस मामले में 24 जुलाई को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतू वाईके बहल की अदालत ने पुलिस की पुर्न याचिका खारिज कर चुकी है, लेकिन अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, जबकि अदालत मंत्री व भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे चुकी है।