बहादुरगढ़ : आरटीओ कार्यालय में लाईसैंस बनवाने और दलालो के खेल की मिल रही शिकायतों के बाद सोमवार को सीएम फ्लाइंग स्कवाड की टीम ने आरटीएम कार्यालय में दस्तक दी। सीएम फ्लाइंग की सात सदस्यीय टीम आरटीए कार्यालय पर सुबह कार्यालय खुलने के समय से पहले ही पहुंच गई और कार्यालय से इधर उधर खडी हो गई। कार्यालय के खुलने का सयम हुआ तो आरटीए कार्यालय में कार्यरत 18 अधिकारियों और कर्मचारियों में से केवल दो कर्मचारी ही सयम पर पहुंचे जिनमें टीएसआई नरेश और चपरासी सुरेन्द्र शामिल थे।
9 बज कर 30 मिनट पर ड्राईवर राजेश और कम्पयूटर ऑपरेटर रविन्द्रभी अपनी डयूटी पर पहुंच गए जबकि टीएसआई निर्मला दस बजेअपनी डयूटी पर पहुंची। 10 बज कर 30 मिनट तक 18 में से केवल पांच कर्मचारी ही दफ्तर में पहुंचे थे मगर सीएम फ्लाइंग टीम को देखते ही आरटीए कार्यालय में हडकम्प मच गया और साथ लगते लधु सचिवायल तक सीएम फ्लाइंग टीम की खबर पहुंच गई। सीएम फ्लाइंग की सात सदस्यीय टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर संदीप सिंह कर रहे थे जो अपनी टीम को लेकर पूरे 9 बजे आरटीए कार्यालय पहुंच गए थे।
बहादुरगढ़ आरटीए दफ्तर में 12 पक्के कर्मचारी हैं और 6 अनुबंधित कर्मचारी है। पक्के कर्मचारियों में से सिर्फ दो कर्मचारी ही समय पर दफ्तर में पहुुंचे। जबकि आरटीए कार्यालय में अपने काम के लिए आने वाले की तो सुबह 9 बजे से पहले ही लाइन लग चुकी थी। दरअसल आरटीए दफ्तर में तैनात कर्मचारी अपनी मर्जी के मालिक बनकर काम करते हैं। काम करते वक्त आम नागरिक से उनका व्यवहार भी बेहद खराब रहता है।
भ्रष्टाचार के खेल के लिये दफ्तर में दलालों का पूरा जाल बिछा हुआ है। अंदर दलाल काम कराते रहते हैं और लाइन में लगे लोग अपनी पारि का इंतजार करते रहते हैं। सबसे बुरा हाल लाईसैंस बनवाने वालों का होता है जो महीनों तक चक्कर पर चक्कर काटते रहते हैं जबकि दलालो की मार्फत एक सप्ताह में लाईसैंस बन कर तैयार हो जाता हैऐसी ही शिकायतों पर ही कार्यवाही करते हुये प्रदेशभर में आरटीए दफ्तरों की जांच की गई है।
सीएम फ्लाइंग स्कवाड ने जांच अभियान के दौरान लोगों से भी बात की। बादली निवासी राजू ने बताया कि तीन महीने से लाईसेंस रिन्यू नही हुआ है। हर रोज चक्कर कटवाते रहते हैं। अमित ने बताया कि 6 महीने से हैवी लाईसेंस रिन्यू नहीं हुआ। दफ्तर आते हैं तो कर्मचारी नहीं मिलते।