बल्लभगढ़ : बल्लभगढ़ के पंचायत भवन में गंदे पानी का भराव होने के कारण यहां आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई सरकारी विभागों के आला अधिकारी यहां बैठते है, इसके बावजूद यहां गंदे पानी के इकट्ठे होने से दुर्गंध का माहौल बना हुआ है, जिसके चलते यहां प्रतिदिन अपने कार्याे के लिए आने वाले लोगों को इस गंदे पानी की वजह से काफी दिक्कतें पेश आती है। पंचायत भवन के अंदर भरे इस गंदे पानी के भराव को कई दिन बीत चुके है, जिस पर मच्छर आदि भी पनपने लगे है, जिससे यहां कभी भी कोई गंभीर बीमारी फैल सकती है।
गौरतलब है कि बल्लभगढ़ का पंचायत भवन एक तरह से लघु सचिवालय है, यहां पर डीसीपी तिगांव, एसीपी बल्लभगढ़, एसडीएम कार्यालय, तहसीलदार सहित लाईसेंस बनाने के साथ-साथ आधार कार्ड बनवाने सहित अधिकतर अन्य सरकारी कार्यालय यही पर बने हुए है और यहां प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन रहता है। पंचायत भवन की इमारत में भरे इस गंदे पानी के भराव से दुर्गंध उठती रहती है, जिससे यहां मच्छर आदि पनपने लगे है, जिससे यहां बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। हैरानी की बात तो यह है कि यहां उच्चाधिकारी कई-कई घण्टों यहां बैठकर जनसमस्याओं का निराकरण करते है, बावजूद इसके उन्होंने भी अभी तक इस गंदे पानी के उठान का लेकर नगर निगम विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं किए है।
बल्लभगढ़ के एसडीएम भी इसी पंचायत भवन में बैठकर लाईसेंस सहित अन्य कार्य करते है, वह भी इस गंदे पानी के भराव मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। समाजसेवी सेवाराम वर्मा का कहना है कि जब सरकारी इमारतों के यह हालात है तो आम लोगों का जन-जीवन कितना स्वच्छ होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार पूरे सरकारी तंत्र का उपयोग करके स्वच्छता अभियान चला रही है और लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है परंतु बल्लभगढ शहर में कुछ अधिकारी व कर्मचारी गदें पानी वाली बिल्डिंग में बैठने को मजबूर है, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार को स्वच्छता अभियान केवल कागजों तक सीमित रह गया है। उनका कहना है कि यह मामला तो उदाहरण मात्र है, ऐसे कई मामले है, जिनमें स्वच्छता अभियान केवल नाममात्र का बाकि रह गया है, हर तरफ गंदगी के ढेर सरकार व सरकारी अधिकारियों की कार्यशैली को धत्ता बता रहे है।
– सुरेश बंसल