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नगर पालिकाओं से किराए पर दुकान या घर लेने वाले लोग बन सकते हैं मालिक : खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को घोषणा की कि जिन लोगों के पास 20 साल से अधिक समय से नगर पालिकाओं से लीज या किराए पर दुकानें या घर हैं, वे कलेक्टर दर से कम कीमत देकर संपत्ति के मालिक बन सकते हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को घोषणा की कि जिन लोगों के पास 20 साल से अधिक समय से नगर पालिकाओं से लीज या किराए पर दुकानें या घर हैं, वे कलेक्टर दर से कम कीमत देकर संपत्ति के मालिक बन सकते हैं। खट्टर ने यह भी कहा कि इसके लिए एक योजना सोमवार को अधिसूचित की जाएगी जो शहरी क्षेत्रों के लिए लागू होगी।
कलेक्टर या सर्कल रेट किसी इलाके के लिए तय की गई जमीन या संपत्ति के लिए न्यूनतम निर्दिष्ट मूल्य होता है जिस पर लेनदेन की रजिस्ट्री करानी होती है। खट्टर ने एक आनलाइल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत जिन लोगों के पास 20 से अधिक वर्षों से ऐसी संपत्तियां हैं, चाहे वह घर हों या दुकानें, ऐसे सभी लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों द्वारा आवेदन करने के बाद, उन्हें कलेक्टर दर में छूट दी जाएगी। यदि 50 से अधिक वर्ष से संपत्ति उनके कब्जे में है, तो उन्हें कलेक्टर दर पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह अगर यह 40 साल से कब्जे में है, तो छूट 40 प्रतिशत, 30 साल के मामले में 30 प्रतिशत और 20 साल के लिए 20 प्रतिशत होगी, जो कि योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक न्यूनतम अवधि है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, कलेक्टर दर पर छूट की ऊपरी सीमा 50 प्रतिशत है। नीति के अनुसार, योजना का लाभ उठाने के लिए किसी व्यक्ति को 31 दिसंबर, 2020 तक संपत्ति के कब्जे में रहने के 20 साल पूरे होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत आवेदन करने के बाद आवेदक को कलेक्टर दर कीमत का 25 प्रतिशत 15 दिनों के भीतर और शेष 75 प्रतिशत अगले 45 दिनों में जमा करना होगा।
खट्टर ने कहा, ‘‘एक बार पूरा भुगतान हो जाने के बाद और सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद, संपत्ति का स्वामित्व, जो कि घर/दुकान है, उनके नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि यदि नगरपालिका ने कोई मकान या दुकान एक या एक से अधिक व्यक्तियों को पट्टे पर दी है या किराए पर दी है तो योजना के तहत निर्धारित फ्लोर-वार फार्मूले के अनुसार राशि का भुगतान करना होगा।
उन्होंने एक अन्य योजना की घोषणा करते हुए कहा कि शहरों में, नगर निकायों से संबंधित भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े हैं, जिनका उपयोग नहीं किया गया है या किसी निजी व्यक्ति के भूखंड के बगल के टुकड़े द्वारा उनका रास्ता अवरुद्ध हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक प्रावधान किया गया है जिसके तहत नगर पालिका अब ऐसी अप्रयुक्त भूमि को या तो आसपास के भूखंड धारकों को या किसी अन्य व्यक्ति को बेच सकती है जो ऐसी भूमि खरीदने के इच्छुक हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे ऐसी संपत्ति के अवैध अतिक्रमण की संभावना भी कम होगी।

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