हरियाणा के रोहतक जिले में पीएम मोदी ने 9 अक्टूबर को किसान नेता दीनबंधु सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। उस दौरान पीएमओ इंडिया के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था। पीएमओ की ओर से किए गए ट्वीट में पीएम मोदी का बयान लिखा गया था। इसमें लिखा था, ‘ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे किसानों की आवाज, जाटों के मसीहा, रहबर-ए-आजम दीनबंधु सर छोटूराम जी की इतनी भव्य प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।’ जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया।’
हालांकि विवाद के बाद इस ट्वीट हटा दिया गया, लेकिन तब तक बीजेपी पूरी तरह से विपक्ष की घेरेबंदी में आती चली गई। विपक्ष जहां इसका श्रेय बटोरने में जुट गया है, वहीं बीजेपी बचाव और सफाई की मुद्रा में नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को रोहतक में दीनबंधु सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करने आए थे। इसी दौरान पीएमओ से एक ट्वीट सामने आया, जिसमें दीनबंधु सर छोटूराम को जाटों का मसीहा बताया गया था, जबकि वह किसानों के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं।
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पीएमओ ने यह ट्वीट शाम 4.20 पर किया। इस पर आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद की नजर पड़ी तो उन्होंने भी ट्वीट कर इस ओर सबका ध्यान खींचा, बल्कि मीडिया के जरिए बीजेपी पर दीनबंधु सर छोटूराम को एक जाति विशेष के साथ बांधने और बीजेपी पर जातिवाद का जहर घोलने के आरोप लगा दिए।
इस ट्वीट की आंच रात तक कांग्रेस तक भी पहुंच गई और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट को मुद्दा बनाते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साध दिया। ट्विटर पर छिड़ी जंग का शोर बीजेपी के कानों तक पहुंचा तो सूत्रों के अनुसार तुरंत ही पीएमओ से संपर्क किया गया। इसका असर यह हुआ कि उक्त ट्वीट सुबह हटा दिया गया।