चंडीगढ़ : हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के नेताओं का डेरा प्रेम जाग गया है। सियासी नेताओं द्वारा सार्वजनिक मंच से जहां डेरासच्चा सौदा तथा सतलोक आश्रम से जुड़े अनुयायियों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई जा रही है। हरियाणा की राजनीति में धार्मिक डेरों का हस्तक्षेप शुरू से ही रहा है। डेरा मुखी राम रहीम के जेल जाने के बाद जहां डेरा की राजनीतिक गतिविधियां बंद हैं वहीं कांग्रेस, इनेलो व भाजपा के नेता समय-समय पर डेरा के समर्थन में बोलते रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तो सरकार के समक्ष डेरा हिंसा के मृतकों के आश्रितों को मुआवजा प्रदान करने व नौकरी प्रदान करने तक की मांग कर चुके हैं। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साध्वी यौन शोषण तथा पत्रकार हत्याकांड में जेल जाने तथा कई अन्य मामलों में सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल के जेल जाने के बाद हरियाणा में यह पहला विधानसभा चुनाव है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की नजरें इन दोनों डेरों के साथ जुड़े अनुयायियों पर लगी हुई हैं।
दो दिन पहले कैथल में इनेलो द्वारा आयोजित की गई रैली के दौरान इनेलो नेता अभय चौटाला ने मंच से कहा था कि राम रहीम जी की पंचकूला में पेश के दौरान भाजपा ने जानबूझ कर हिंसा करवाई। अभय ने दावा किया कि पिछले चुनाव में भाजपा में सीबीआई का दबाव दिखाकर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम जी से संगत को भाजपा के समर्थन में वोट डलवाने की अपील करवाई थी। जिसके चलते इनेलो पिछला चुनाव हार गई थी।
इनेलो की हार का बड़ा कारण डेरा प्रेमियों की वोट नहीं मिलना रहा है।दूसरी तरफ कैथल से विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी गत दिवस एक कार्यक्रम के दौरान पंचकूला हिंसा के लिए जहां भाजपा को जिम्मेदार ठहराया वहीं उन्होंने सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को सम्मानजनक शब्दों के साथ संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने पहले रामपाल जी और बाद में डेरा प्रेमियों पर अत्याचार किया है।
अभय चौटाला और सुरजेवाला के इस बयान के बाद जहां मीडिया की सुर्खियों में आ गए वहीं सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने साफ किया कि डेरा प्रेमी हरियाणा प्रदेश के निवासी हैं। उनकी भावनाएं कहीं भी जुड़ी हो सकती हैं। जिस तरह वह अन्य मतदाताओं से संपर्क करेंगे वैसे ही डेरा प्रेमियों से भी संपर्क किया जाएगा। दूसरी तरफ अपना अलग राजनीतिक विंग चलाने वाला डेरा सच्चा सौदा हालही में हुए लोकसभा चुनाव में भी जहां शांत रहा है वहीं अभी तक डेरा प्रबंधकों द्वारा इस चुनाव को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है। अलबत्ता नेताओं द्वारा डेरा प्रेमियों के समर्थन में बयान देकर उन्हें लुभाने का प्रयास जरूर किया जा रहा है।