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रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को दिए गए भूमि अधिकार रद्द करने की प्रक्रिया शुरू

डीएलएफ द्वारा लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए सरकार को भुगतान किए जाने के दावे की खबरों पर पांडुरंग ने कहा, “हम देखेंगे कि इस मामले में हम क्या कर सकते हैं।”

हरियाणा सरकार ने रॉबर्ड वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को भूमि विकसित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह जमीन बाद में 58 करोड़ रुपए में ‘डीएलएफ’ को हस्तांतरित कर दी गयी थी। 
राज्य के शहर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक के. एम पांडुरंग ने बताया कि हरियाणा विकास एवं नियमन और शहरी क्षेत्र अधिनियम, 1975 के प्रावधानों के अनुसार लाइसेंस रद्द करने के लिए प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इन औपचारिकताओं में कॉलोनी विकसित करने वाले को नोटिस देना और अपनी बात रखने का अवसर देना शामिल है। 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें (लाइसेंस) रद्द करने की प्रक्रिया का पालन करना होगा, जो हम कर रहे हैं और औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। हमने उन्हें नोटिस दिया और उनकी बात रखने का अवसर दिया। यह काम पूरा हो गया है। हमें अब निर्णय लेना होगा और यह प्रक्रिया जारी है।’’ 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा से जुड़ी इस जमीन के बारे में फैसला जल्द लिया जा सकता है। हालांकि, पांडुरंग ने यह जानकारी नहीं दी कि दूसरे पक्ष ने अपनी बात रखने के लिए दिए गए अवसर पर क्या जवाब दिए। उन्होंने कहा कि तत्कालीन महानिदेशक ने भूमि का दाखिल-खारिज निरस्त कर दिया था जिसके कारण भूमि के मालिकाना हक को लेकर कुछ मसले हैं। 
उल्लेखनीय है कि 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने 2012 में स्काईलाइट हास्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे का दाखिल खारिज निरस्त कर दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक साल पहले कहा था कि गुड़गांव सेक्टर 83 में जमीन का लाइसेंस निष्प्रभावी हो गया लगता है। यह जमीन स्काईलाइट हास्पिटैलिटी को बेची गयी थी और बाद में डीएलएफ को हस्तांतरित कर दी गयी। 
खट्टर ने तब कहा था कि जमीन के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया। डीएलएफ द्वारा लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए सरकार को भुगतान किए जाने के दावे की खबरों पर पांडुरंग ने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि इस मामले में हम क्या कर सकते हैं।’’ बीजेपी का आरोप है कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के कार्यकाल के दौरान भूमि सौदे में अनियमितताएं हुईं। 
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘‘सब जानते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में अनेक भूमि सौदों में कितनी अनियमितताएं की गयीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकार में सत्ता के चहेते लोगों को फायदा पहुंचाया गया। जब बीजेपी सत्ता में आई तो हम शासन के हर क्षेत्र में पारदर्शिता लाए और पहले की गयीं इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाई गयी। 
यही वजह है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ राज्य की सत्ता में वापसी करने जा रही है।’’ आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने 3.5 एकड़ भूमि 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी थी और बाद में कॉलोनी बनाने का लाइसेंस हासिल करके इसे 58 करोड़ रुपए में डीएलएफ को बेच दिया था। हरियाणा में अगले महीने चुनाव होने हैं और यह घटनाक्रम बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जिसने 2014 के चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और राज्य में हुड्डा सरकार सत्ता से बाहर हो गयी थी। 

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