सिरसा : दिल्ली के तुगलकाबाद में संत शिरोमणि रविदास महाराज का ऐतिहासिक मंदिर तोड़े जाने का विरोध संत शिरोमणि रविदास सभा के बैनर तले प्रदर्शन करके किया गया। सैकड़ों की तादाद में समाज के लोग रानियां बाजार से चलकर सुरखाब चौक तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने राष्टपति के नाम एक ज्ञापन भी सिरसा के सीटीएम को सौंपा गया।पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर दलित संगठन आक्रोश जता रहे हैं।
मंगलवार को सिरसा में बड़ी संख्या में लोग रविदास मंदिर के समक्ष एकत्रित हुए वहां से विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर भी शामिल हुए। अशोक तंवर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस पूरे प्रकरण की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक मंदिर को तोडऩे की पुरजोर कोशिश लंबे समय से की जाती रही है। उन्होंने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए जरूरी है कि किसी भी दलित की भावना से खिलवाड़ नहीं हो।
विशेष रूप से इस ऐतिहासिक मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि इस मंदिर का निर्माण काफी वर्षों पूर्व हुआ था। तब से लगातार कई आक्रमणकारियों ने और कई राजाओं ने इसे तोडऩे की कोशिश की। अब सरकार को देखना है कि किस प्रकार से दलितों को राहत मिले। उन्होंने इस मामले में ठोस कार्रवाई करने की मांग की। इससे पूर्व घंटाघर चौक में लोगों को संबोधित करते हुए ज्ञानी करनैल सिंह ओढां ने कहा कि सिकंदर लोधी ने गुरू रविदास को यह जगह प्रदान की थी। बसपा नेता भूषण लाल बरोड़ ने कहा कि दिल्ली के तुगलकाबाद में प्राचीन गुरू रविदास जी का मंदिर तोडऩे की पूरा दलित समाज कड़ी निंदा करता है।