चंडीगढ़ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को घमंडी व बेफ्रिकी सरकार करार देते हुए कहा मौजूदा भाजपा सरकार ने प्रदेश में परिवहन व्यवस्था का भट्टा बैठाकर बंटाधार कर दिया है। प्रदेश में बसों की भारी कमी और परिवहन की लचर व्यवस्था से आम जनता परेशान है, लेकिन प्रदेश की घमंडी सरकार बेपरवाह और बेफिक्र है। रिकॉर्ड की बात है की पिछले पूरे पांच साल में भाजपा सरकार ने केवल मात्र 450 बसें ही खरीदी हैं, जो भाजपा सरकार की परिवहन व्यवथाओं को सुचारू रखने में नाकामी और प्रदेश के परिवहन विभाग को निजीकरण करने की भाजपाई सोच को दर्शाता है।
इसके दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान केवल 2010 से 2014 के बीच केवल चार साल में ही 2,399 नई बसें खरीदी गई थी। वर्ष 2010 में कांग्रेस सरकार ने 1,149, 2012 में 275 व 2013 में 975 बसें खरीदी गई। इनमें 50 वोल्वो व मर्सडीज बसें भी शामिल थी। लेकिन मौजूद सरकार के कार्यकाल में वोल्वो व मर्सडीज बसें तो खरीदी ही नहीं गई।कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा के परिवहन बेड़े में लगभग 4,500 बसें थीं, जो घटकर अब 3,300 बसें से भी कहीं कम रह गयी हैं, इनमें एक हजार बसें अपनी उम्र पूरी करके कंडम हो चुकी हैं, जिन्हें भाजपा सरकार द्वारा बदला नहीं गया है।
हैरानी और दु:ख की बात है कि पुरानी बसों को कंडम घोषित करने की बजाए सरकार उनको सडक़ों पर चलाकर प्रदेश की जनता की जान जोखिम में डाले हुए है। बढ़ती आबादी की लिहाज से प्रदेश को आज कम से कम दस हजार बसों की जरूरत है, लेकिन सरकार ने इस जरूरी पहलु की और कोई ध्यान नहीं दिया है। हरियाणा सरकार रोडवेज विभाग की किलोमीटर स्कीम में सैंकड़ों करोड़ का घोटाला पहले ही पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। मुख्यमंत्री स्वयं भी विधानसभा के पटल पर किलोमीटर योजना के तहत टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात स्वीकार कर चुके हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी बसें न खरीदने से सरकार पर लग रहे आरोपों की पुष्टि होती है।
खट्टर सरकार प्रदेश के लोगों को कारगर परिवहन व्यवस्था देने में पूरी तरह विफल रही है, जिससे आज पूरे प्रदेश में बसों की कमी के कारण हर रोज़ लाखों लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है, यह परेशानी कैथल में तो और भी ज्यादा महसूस की जा रही है। यहाँ तक की महिलाओं और स्कूल- कॉलेज की छात्राओं को बसों में लटककर सफर आम रोजमर्रा की बात हो गयी है। शिक्षण संस्थाओं, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को बसों की छतों पर चढक़र पढ़ाई के लिए जाना पूरी शासन व्यवस्था के लिए शर्म की बात है। हमारा प्रदेश की जनता से वायदा है की कांग्रेस की सरकार बनने पर बिगड़ी परिवहन प्रणाली को सुधारेंगे और समुचित मात्रा में बसों की व्यवस्था करके इसे वापिस पटरी पर लाएंगे।