चंडीगढ़ : राफेल सौदे में देश की सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर सवाल उठा रहे कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि उनके आरोप कल्पना पर आधारित, गलत और पूरी तरह से झूठ हैं, जिसके लिए उन्हें देश की जनता के सामने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह उनकी कमजोर नीतियों का ही नतीजा है कि वर्ष 2007-14 के लंबे अंतराल में कांगे्रस सरकार इस रक्षा सौदे को सिरे नहीं चढा पाई, जो राष्ट्रीय सुरक्षा में गंभीर चूक साबित हो सकता था। गुजरात के प्रमुख शहर और सिल्क-डायमंड सिटी के तौर पर मशहूर सूरत में मीडिया से मुखातिब हो रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी की तुलना हिटलर के प्रचार मंत्री जोसेफ गोयबल्स से की, जो कहते थे कि किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उसपर यकीन करने लगें। उन्होंने राहुल गांधी के राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड करने की कोशिश को घृणित अपराध की संज्ञा दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की गरिमा संसद और प्रधानमंत्री जैसे ओहदों की बेइज्जती करने के अभ्यस्त व्यक्ति देश ही नहीं समाज के लिए भी खतरनाक हैं। उन्होंने याद दिलाया कि आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी ने सितंबर 2013 में मनमोहन सिंह कैबिनेट से पारित एक अध्यादेश को फाडकर दर्शा दिया था कि व्यवस्था के प्रति वह कितने जिम्मेदार हैं और उनके दायित्वबोध का स्तर क्या है।
देश की रक्षा को मजाक बनाना भी इनकी आदत में शुमार है। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने से लेकर कश्मीर में आतंकियों के हित में बोलकर कांगे्रसी बार-बार साबित कर रहे हैं कि देश की अखंडता से ज्यादा उनको अपने हितों की चिंता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और आफसेट पार्टनर के चुनाव से संबंधित याचिकाओं को खारिज करते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए जांच की गुंजाइश से इंकार किया है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णायक फैसले में भी गांधी गलत ढंग से कहानियां घड कर देश की जनता को भ्रम में डालना चाहते हैं, ताकि यह देश और सवा सौ करोड आबादी उनसे रक्षा सौदों में देरी पर सवाल न पूछे। कांगे्रस शासन के दौरान सौदे बिना बिचैलिए पूरे नहीं होते थे और आज तक एक सरकार से दूसरी सरकार के स्तर पर सीधा रक्षा समझौता हो रहा है तो कांगे्रस तिलमिला रही है।
उन्होंने कहा कि सत्य की एक आवाज होती है और आज वह आवाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा को तरहीज देते हुए इस रक्षा सौदे की गंभीरता को समझ कर इस प्रक्रिया को आगे बढाया। मई 2015 से अप्रैल 2016 के बीच भारतीय वार्ता दल की 74 बैठकें हुई, जिसमें 26 बैठकें फ्रंासीसी पक्ष के साथ थी।
जबकि गांधी परिवार के इशारे पर इस रक्षा सौदे को वर्ष 2007 से वर्ष 2014 मे अटकाए रखा गया। ऐसे में देश की जनता के लिए समझना आसान है कि कांगे्रस राहुल गांधी को स्थापित करने के लिए देश के मान-सम्मान को छलनी करने के किसी भी मौके को नहीं छोडऩा चाहती। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर पूरे देश को गुमराह करने का इससे बडा प्रयास कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी झूठ को स्वीकार करने तथा देश की जनता से माफी मांगने की नसीहत दी, अन्यथा भारतीय जनता पार्टी देश के एक-एक नागरिक तक कांगे्रस के देश की अखंडता के खिलाफ इस बडी साजिश को बेनकाब करने जाएगी।