चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सात राज्यों के लिए ‘अटल भू-जल योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस योजना से जल संकट दूर होगा जिससे देश में आर्थिक विकास होगा। इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने अटल भू-जल योजना के महत्व को देखते हुए कहा कि जल का कोई विकल्प नहीं है और हमारे समाज में पानी को सहेजने की प्राचीन संस्कृति रही है।
पानी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जाते रहे हैं परंतु विकास की आंधी ने सहेजने की प्रवृत्ति को उखाड़ फैंक दिया है। प्रदेश में क्या देश में ही जगह-जगह पानी को लेकर हा-हाकार की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश के शहरों व गांवों में लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा और यह बड़ा अजीब लगता है कि पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद प्रदेश में उचित जल प्रबंधन और योजना का सही ढंग से लागू न होने से पानी के अभाव से प्रदेश की जनसंख्या पीने के पानी से वंचित है।
इनेलो नेता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जो जल संरक्षण योजनाएं शुरू की गई थी वह लापरवाही के कारण मिट्टी की भेंट चढ़ती जा रही हैं। प्रदेश के हर जिले में रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजनाएं महज खानापूर्ति होकर रह गई हैं और यह धीरे-धीरे मिट्टी के गड्ढों में तबदील होती जा रही हैं। यह ठीक है कि ‘अटल भू-जल योजना’ से प्रदेश को लाभ होगा परंतु जब तक दक्षिण हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर का निर्माण नहीं होगा तब तक इस क्षेत्र में पीने के पानी आदि की समस्या हल नहीं होगी।
इसी तरह उत्तर हरियाणा में दादूपुर नहर योजना भू-जल स्तर को उठाने के लिए परिकल्पना थी और इस योजना से 2.5 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होनी थी परंतु भाजपा की सरकार ने इस योजना को समाप्त करके पेयजल के मामले में यमुनानगर, अम्बाला और कुरुक्षेत्र जिलों के लिए संकट पैदा कर दिया है।