लाडवा : लोसुपा सुप्रीमो राजकुमार सैनी ने मनोहर सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली खट्टर सरकार बताए की सरकारी नौकरियों में दलितों व पिछड़ों को मिले आरक्षण को आज तक क्यों पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरो के पदों, केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों, प्रदेशों के हाईकोर्ट व देश के सुप्रीम कोर्ट में जजों, प्रदेशों के राज्यपालों व विदेशों में भारतीय राजदूतों जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करने में दलितों व पिछड़ा वर्ग के लोगों की क्यों उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश समय तक एक ही समाज के मुख्यमंत्री रहने के कारण प्रदेश की 50 प्रतिशत से अधिक सरकारी नौकरियों पर उन्हीं के समाज का कब्जा हो गया है जबकि उनकी आबादी प्रदेश में मात्र 10 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि दलितों को 23 प्रतिशत व पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है लेकिन उन्हें आज भी लगभग 25 प्रतिशत नौकरियों पर ही संतोष करना पड़ रहा है जो दलितों व पिछड़ों के साथ घोर अन्याय है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनावों में प्रदेश की जनता ने यदि लोसुपा को सरकार बनाने का मौका दिया तो सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के अलावा एक परिवार-एक रोजगार की नीति लागू की जाएगी और जिस परिवार को सरकारी रोजगार नहीं मिलेगा उसे 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता दिया जाएगा। वृद्धों को 5 हजार रुपये मासिक पैंशन देने के अलावा किसानों व मजदूरों को मनरेगा से जोड़ा जाएगा ताकि किसान व मजदूर का आर्थिक उत्थान हो सके।
लोसुपा की सरकार बनने पर किसानों के कर्ज के अलावा भूमिहीन मजदूरों, छोटे दुकानदारों व थ्री व्हीलर चालकों का कर्ज भी माफ किया जाएगा और कर्मचारियों की पुरानी पैंशन स्कीम को फिर से बहाल किया जाएगा। आज भाजपा में वहीं लोग शामिल हो गए है जिनके खिलाफ प्रदेश की जनता ने भाजपा को जनादेश दिया था लेकिन अब उन लोगों के कारण ही भाजपा के जहाज का भी डूबना तय है।