हरियाणा के सतलोक आश्रम में महिला की हत्या किए जाने के मामले में दोषी रामपाल और अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। रामपाल को एफआईआर नंबर 430 के तहत आज ये सजा दी गई है। जानकारी के मुताबिक सजा का ऐलान होते ही रामपाल घुटनों के बल बैठकर रोने लगा। इससे पहले, रामपाल समेत कुल 15 दोषियों को हिसार कोर्ट ने मंगलवार को भी हत्या के मामले में दोषी पाया था और एफआईआर नंबर 429 के तहत उन्हें मौत की सजा दी थी।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) डॉक्टर चालिया ने 2014 के हत्या मामले में सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल और उनके 14 अनुयायियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में सभी दोषियों की सजा पर जिरह सोमवार को पूरी हो गई थी।
रामपाल को मिला कैदी नंबर 1005, सब्जी उगाने का मिला काम
रामपाल अब कैदी नंबर 1005 के नाम से जाना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक रामपाल ने कैदी नंबर 1008 की मांग की थी, लेकिन उसे 1005 नंबर मिला। जेल प्रशासन ने रामपाल को काम भी सौंप दिया है। बताया जाता है कि उसको जेल के पर्यावरण को सुधारने के लिए फूल-पौधे उगाने और उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ जेल में बंद कैदियों के लिए वह सब्जियां भी उगाएगा।
जानकारी के लिए बता दें की 19 नवंबर 2014 को हिसार के बरवाला शहर के सतलोक आश्रम में एक बच्चे और चार महिलाओं की लाश मिलने के बाद रामपाल और उसके 27 अनुयायियों के खिलाफ हत्या और बंधक बनाए जाने के तहत केस दर्ज किया गया था। जबकि, एक अन्य केस रामपाल और उसके अनुयायिकों के खिलाफ तब दर्ज हुआ जब सतलोक आश्रम में 18 नवंबर को एक महिला का शव बरामद हुआ था।