चंडीगढ़ : पिछली विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल रहा इंडियन नेशनल लोकदल विस चुनाव में महज एक सीट पर सिमट गया। इसके साथ ही यदि चुनाव आयोग ने नियमों में संशोधन नहीं किया हाेता तो इनेलाे की राज्यस्तरीय पार्टी की मान्यता के लिए संकट पैदा हो जाता।
अभी प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में उसकी मान्यता को कोई खतरा नहीं है। पुराने नियमों के अनुसार चुनाव में छह फीसद वोट और न्यूनतम दो सीटें अथवा विधानसभा की कुल सीटों की संख्या में न्यूनतम तीन फीसद सीटें जीतना अनिवार्य था।
संशोधित नियमों ने इनेलो को दी बड़ी राहत, तीन फीसद वोट नहीं मिलने के बावजूद दर्जा बरकरार : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने नियमो में संशोधन कर यह प्रावधान किया था कि हर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल की मान्यता को जारी रखने या रद करने का आकलन एक नहीं, अपितु दो चुनावों में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
इनेलो को इसका पूरा फायदा मिला है। पार्टी की राज्य दल के रूप में मान्यता का आकलन अगले विधानसभा चुनावों में इनेलो के चुनावी नतीजों के आधार पर किया जाएगा। यानी कि फिलहाल के लिए इनेलो हरियाणा में मान्यता प्राप्त राज्य दल के रूप में बना रहेगा और चश्मे का चुनाव चिन्ह तब तक के लिए उसके पास आरक्षित रहेगा। फरवरी 2000 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इनेलो को राज्य दल के रूप में मान्यता मिली थी।