चंडीगढ़ : पहाड़ों पर भारी बरसात होने से यमुना सहित कई नदियों में उफान आ गया है। यमुना नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार दोपहर हथनीकुंड बैराज से नदी में पानी का बहाव 1.18 लाख क्यूसिक पहुंच गया है। सुबह करीब एक लाख क्यूसिक था। इससे हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा है। एक दिन पहले नदी में पानी की बहाव 1.87 लाख क्यूसिक हो गया था। सिंचाई विभाग ने इस संबंध में मिनी बाढ़ का अलर्ट जारी किया है और लोगों से यमुना नदी को ओर नहीं जाने की अपील की है।
यमुना के साथ ही सोम,चतंग व अन्य नदियां भी उफान पर हैं। यमुना नदी मेें पानी के बहाव को देखते हुए हरियाणा में हथनीकुंड बैराज से नहरों में पानी की सप्लाई रोक दी गई है। हथनीकुंड बैराज पर पानी का बहाव बृहस्पतिवार को 1.36 लाख क्यूसिक और फिर 1.87 लाख क्यूसिक तक पहुंच गया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह इसमें कमी आई और यह घटकर एक लाख क्यूसिक के आसपास पहुंचग गई। इसके बाद दोपहर में फिर नदी में पानी का बहाव बढऩे लगा और यह करीब 1.18 लाख क्यूसिक पपर पहुंच गया। अधिकारियों ने जल बहाव बढऩे की संभावना जताते हुए कहा कि यह पानी दिल्ली के लिए खतरा पैदा करेगा।
हथनीकुंड बैराज से बृहस्पतिवार को छोड़ा गया पानी अगले 48 घंटे में वहां पहुंचेगा। यमुनानगर के डीसी ने नंबरदार और सरपंचों को यमुना नदी के आसपास स्थिति पर निगरानी रखने का आदेश दिया है। बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। बैराज से उत्तर प्रदेश व हरियाणा की नहरों की सप्लाई को रोक दिया गया है। सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल का कहना है कि यमुना में पानी का बहाव 70 हजार क्यूसिक होते ही नहरों की सप्लाई रोक दी जाती है। यमुना के अलावा सोम और चतंग नदी में भी पानी का बहाव काफी बढ़ गया है। सोम नदी में जलस्तर करीब 10 हजार क्यूसिक पर पहुंच गया है।
इससे नदी का पानी आसपास के क्षेत्रों और खेतों में पहुंच गया है। इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। बिलासपुर के एसडीएम नवीन आहुजा ने बताया कि सोम नदी में उफान से फसलों को हुए नुकसान का आकलन पानी उतरने के बाद किया जाएगा। शुक्रवार को भी को प्रदेश के कई जिलों में भारी बरसात हुई। बृहस्पतिवार को भी राज्य में जमकर बारिश हुई थी। इस दौरान फरीदाबाद में सबसे अधिक 82 एमएम बारिश हुई। वहीं करनाल में 72.8 एमएम, झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में 71 एमएम, भिवानी के लोहारू में 44 एमएम, अंबाला में 41 एमएम पानी बरसा। इसके अलावा अन्य जिलों में भी कहीं मध्यम तो कहीं हल्की बारिश हुई। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि खरीफ फसलों को इन दिनों जोरदार बारिश की जरूरत थी।
(राजेश जैन)