चंडीगढ : हरियाणा में रोडवेज की बसों से सफर करने वाले यात्रियों को मंगलवार को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन ने मंगलवार को चक्का जाम का ऐलान कर दिया है। कर्मचारियों की यह हड़ताल कितनी प्रभावी सिद्ध होगी इसके बारे में तो मंगलवार को ही पता चलेगा लेकिन अगर सभी डिपो हड़ताल में शामिल होते हैं तो यात्रियों को भारी दिक्कतें होंगी।
हरियाणा रोड़वेज वर्कर यूनियन इंटक के प्रदेशाध्यक्ष अनूप सहरावत और प्रदेश प्रेस प्रवक्ता नसीब जाखड़ नें आज यहां जारी एक बयान में बताया कि सात अगस्त की हड़ताल में प्रदेश के सभी जिलों के डिपो कर्मचारी शामिल होंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करके सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र का पूर्ण निजीकरण करने का रास्ता साफ करना चाहती है। तथा आम जनता से किफायती व सुरक्षित सरकारी परिवहन की सेवा छीनना चाहती है।
हरियाणा रोडवेज बस चोरी कर फरार हुआ युवक
इससे सरकारी परिवहन सेवा का क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा। इस बिल में वाहन चालकों पर सजा व दण्ड को बढ़ाकर कई गुणा कर दिया गया है। हरियाणा सरकार इस बिल के पास होने से पहले ही इस बिल के मसौदे को हरियाणा में लागू करने की तैयारी में है। जिसके तहत 700 बसों को ठेके पर लेने का फैसला किया गया है। हरियाणा की जनता प्राइवेट बसों की मांग नहीं कर रहे हैं सभी प्रदेश वासियों द्वारा केवल सरकारी बसों की मांग की जा रही है। नसीब जाखड़ ने कहा कि यदि यह कानून लागू हो गया तो सरकारी विभागों के निजीकरण के कारण बेरोजगार युवकों के परिवहन के क्षेत्र में सरकारी रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे।
कर्मचारी नेताओं ने रोड सेफ्टी एवं मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2017 वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि परिवहन विभाग में 700 बसें ठेके पर लेने का फैसला पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात के अनुसार परिवहन बेड़े में 14000 नई सरकारी बसें शामिल की जाए। इससे प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवकों को सरकारी रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि यूनियन इन मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ लड़ाई लडऩे को तैयार है जिसके चलते सात अगस्त को पूरे प्रदेश में हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम किया जाएगा।
(राजेश जैन)