राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के नेता दर्शन लाल जैन का सोमवार को निधन हो गया। समाज सेवा के प्रति जीवन समर्पित करने वाले जैन पौराणिक सरस्वती नदी की तलाश के काम में भी शामिल थे। उनका निधन सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर जिले में जगाधरी स्थित आवास में हुआ। वह 93 वर्ष के थे। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। जैन के बेटे नीरज ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यादें हमेशा दिलों में रहेंगी। खट्टर, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री कंवर पाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी धनखड़ अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद थे। शाम में खट्टर, जैन के घर जगाधरी गए और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की।
दर्शन लाल हरियाणा में कई शैक्षणिक सस्थानों की स्थापना में शामिल रहे। वह जगाधरी में सरस्वती विद्या मंदिर के संस्थापक सदस्य थे। इसकी स्थापना 1954 में हुई। गरीब बच्चों और लड़कियों की शिक्षा समेत कई अन्य क्षेत्रों में वह लगातार काम करते रहे। वह यमुनानगर में लड़कियों के लिए डीएवी कॉलेज निर्माण के संस्थापक सचिव थे। यह 1957 में क्षेत्र का लड़कियों का पहला कॉलेज था।
दर्शन लाल जैन का जन्म 12 दिसंबर 1927 को जगाधरी में एक धार्मिक और उद्योगपति जैन परिवार में हुआ था। उन्हें बाबूजी के नाम से जाना जाता था। बड़े होने के साथ, वह देशभक्ति की भावना के कारण आरएसएस के संपर्क में आए। 15 साल की उम्र में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। जैन कई सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े हुए थे। वर्ष 2019 में भारत सरकार की ओर से उन्हें समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।