चंडीगढ़ : हरियाणा में खनन माफिया की सक्रियता सरकार के गले का फांस बन गई है। कैग की रिपोर्ट में खनन माफिया द्वारा करीब 5 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ करने तथा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा द्वारा इस मामले को राज्यसभा में उठाने के बाद सरकार बचाव की मुद्रा में है। शैलजा ने कहा कि हरियाणा में कैग ने इस घोटाले को उजागर किया है। सरकार खनन माफिया से मिली हुई है।
हरियाणा का यह सबसे बड़ा घोटाला है इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। हरियाणा के परिवहन व खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कैग की रिपोर्ट सबके सामने है। डिफाल्टर ठेकेदारों से बकाया वसूली के लिए काम चल रहा है। डिफाल्टर ठेकेदारों की प्रापर्टी अटैच करने की दिशा में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हरियाणा के खनन मंत्री ने सभी खनन क्षेत्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसकी पुष्टि खुद मंत्री मूलचंद शर्मा ने की है।
राज्य की सभी 95 खदानों में जांच होगी। जिन खनन ठेकेदारों पर लंबे समय से देनदारी बकाया है, उनकी प्रॉपर्टी को अटैच किया जाएगा। इसके बाद भी यदि राशि नहीं मिली तो इस प्रापर्टी को जब्त किया जा सकता है। कैग ने हाल ही में खनन में अनियमितताओं पर सवाल उठाते हुए बताया था कि 31 मार्च 2018 तक ठेकेदारों से 1476.21 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है। 69 ठेकेदारों से किस्त व ब्याज के 1155.84 करोड़ वसूले ही नहीं गए।
मंगलवार को राज्यसभा में हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी शैलजा ने भी यह मुद्दा उठाया। इससे पहले रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा इसी मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करते हुए संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं। हरियाणा के खनन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस जो आरोप लगा रही है, वह उसकी अपनी कैलकुलेशन है। पूरे खनन मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान मे मामला है। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खनन मे लंबित वसूली जल्द होगी। ठेकेदारों पर जो देनदारी है, वह उन्हें देनी ही होगी।