फरीदाबाद : तांत्रिक बनने के चक्कर में एक पिता ने अपनी ही तीन साल की बेटी की हत्या कर दी और पुलिस को अपहरण होने की झूठी कहानी सुना दी। पुलिस जांच में उसकी कहानी झूठी पाई गई। पुलिस ने बेटी की हत्या के जुर्म में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता की कोर्ट ने हत्यारे बाप को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मामला एन क्षेत्र का है।
एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि एनआईटी जेके ब्लॉक निवासी नानकचंद का बेटा धीरज कोई कामधाम नहीं करता था। उसके पड़ोस में कोई बाबा रहता था। उसकी आमदनी भी होती थी। किसी ने उसे बाबा बनने की सलाह दी। सलाह देने वाले ने बताया कि बाबा बनने के लिए बलि देनी होती है। धीरज उनकी बात पर विश्वास कर दो-तीन दिन से अपनी ही बेटी की बलि देने की योजना बना ली। 11 जुलाई 2017 को शाम करीब साढ़े पांच बजे उसने अपनी ही तीन साल की बेटी सोनाक्षी को स्कूटी पर बैठाकर घुमाने निकल गया।
शहरभर में घूमने के बाद वह सेक्टर 8 श्मशान घाट के पीछे पहुंचा और वहां गुड़गांव कैनाल में बेटी को फेंक दिया। फिर कोतवाली थाने जाकर पुलिस काे बताया कि बेटी का अपहरण हो गया है। अगले दिन 12 जुलाई को बेटी की लाश फतेहुपर तगा के पास पुलिया के पास उलझी मिली। पुलिस जब पिता को लेकर मौके पर पहुंची तो उसने बेटी की पहचान कर ली। पुलिस जांच में धीरज ही घटना का मुल्जिम पाया गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से मामला कोर्ट में विचाराधीन था।