तरावड़ी: ऐतिहासिक नगरी तरावड़ी शहर के बीचों-बीच गुजर रहे बरसाती नाले के दोनों तरफ दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण और कब्जा कर लिया गया। धीरे-धीरे दुकानदारों ने यहां पर बाजार बना लिया। इसके साथ-साथ कई लोगों ने तो नहर के दोनों तरफ अपने शौचाल्य और पशुओं को बांधने के लिए बाड़े तक बना लिया। लेकिन नहरी विभाग इन कब्जाधारियों एवं अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है। नहर के दोनों तरफ अतिक्रमण करने के साथ-साथ शौचालय व पशुओं के बाड़े बना लिए गए हैं। अवैध कब्जों को लेकर कई बार लोग नहरी विभाग को शिकायत लिख चुके हैं लेकिन कब्जों को हटाने के लिए कोई ठेस कार्रवाई की बजाय सरेआम कब्जों को पक्का किया जा रहा है। बढ़ रहे कब्जों पर भी कोई कार्रवाई न होना नहरी विभाग की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
बरसाती नाले के दोनों ओर कब्जे वषों पुराने हो चुके हैं। इससे पहले भी नहरी विभाग ने एक दो बार कब्जों को हटवाने का प्रयास किया। लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में कब्जा हटवाने के लिए आए दस्ते के लौटने के कुछ घंटों के बाद स्थिति जस की तस बन जाती है। अब लोगों ने सरकारी जमीन पर पशुबाड़े व शौचालय तक बना लिए हैं और उन्हें धीरे-धीरे पक्का करने में जुटे हैं। शहर के लोगों का कहना है कि यदि नहरी विभाग की मंजूरी न हो तो नहर के किनारे पर कब्जा हो ही नहीं सकता। क्योंकि नहरी विभाग के बेलदार चौबीसों घंटे पटड़ी पर चक्कर लगाते हैं। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति कुछ सामान पटड़ी पर रखता है तो उसे तुरंत हटवाया जा सकता है। लेकिन नहरी विभाग इन कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मूड में नही है।
– विरेन्द्र जांगड़