करनाल : सिख समाज की एक बहुत बड़ी बैठक गुरुद्वारा डेरा कार सेवा करनाल में बाबा सुखा सिंह की अध्यक्षता में हुई। जिसमें करनाल की लगभग सभी सिक्ख जतथेबंदियां उपस्थिति रही व सरकार की सिक्ख विचारधारा विरोधी कार्यों का विरोध किया। गौरतलब है कि बीती 10 जून को पानीपत की अनाजमंडी में बैरागी समाज द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर के नाम पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वैरागी समाज द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर को बंदा वैरागी घोषित करने की बेबुनियाद कोशिश कर धर्म परिवर्तन की चाल चली गई। जिससे सिक्ख समाज में भारी रोष व्याप्त है। सिक्ख समाज के रोष का सीधा निशाना माननीय मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हरियाणा पर है।
सिक्ख समाज के लोगो का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर यह भली भांति जानते है कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने अपने 4 साल के पुत्र का दिल मुंह में डलवा लिया था परंतु सिक्ख धर्म का त्याग नहीं किया था। यह जानते हुए खट्टर न केवल इस कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि बहुत सारी सरकारी घोषणाएं बंदा सिंह बहादुर के नाम पर न कर बंदा वैरागी के नाम से कर डाली। जिससे सिख समाज की भावनाएं बहुत आहात हुई हैं। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 28 जून को करनाल में सरकार के खिलाफ भारी रोष मार्च करने का फैसला लिया गया।
अगर सरकार बंदा वैरागी के नाम पर की घोषणाओं को बंदा सिंह बहादुर के नाम पर नहीं करती तो आने वालेे चुनावों में सिख संगत बीजेपी का बहिष्कार करेगी। इस रोष को पुरजोर से आगे बढ़ाने के लिए 51 सदस्यों की एक कमेटी का भी गठन किया गया जो गांव-शहर में जाकर सरकार के इस निंदनीय कृत का प्रचार करेगी व भारी संख्या में सिख संगत को इस रोष मार्च में एकत्र होने के लिए प्रेरित करेगी। इस मौके पर हरजीत सिंह विर्क, गुरबचचन सिंह प्यौंत, हरप्रीत सिंह नरूला, मनमोहन सिंह डबरी, हरपाल सिंह जलमान, इन्द्रपाल सिंह, जोगिंदर सिंह, सुरेंद्रपाल सिंह रामगढिय़ा, जजदेव सिंह, राजप्रीत सिंह, हरविंदर सिंह, रणजीत सिह, गुरतेज सिंह खालसा, हरभजन सिंहं सरां, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, अमरीक सिंह, अर्जन सिंह, गुलजार सिंह, सेवा सिंह आदि बड़ी संख्या में सिख मौजूद थे।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।
– हरीश चावला