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किसान आंदोलन में महिला से दुष्कर्म मामले में SKM ने दी सफाई, कहा- हमें पहले से नहीं थी कोई जानकारी

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बंगाल से आई युवती की मौत का मामला गरमा गया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बंगाल से आई युवती की मौत का मामला गरमा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर मीडिया के सामने कई पहलू रखे। इस दौरान मृत युवती के पिता भी मौजूद रहे। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जानकारी दी गई है कि मोर्चे को युवती के साथ दुष्कर्म की जानकारी 2 मई को उनके पिता से मिली। पीड़िता के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटी ने उनसे कहा था कि दोषियों को सजा मिले और उसे इंसाफ मिले, लेकिन मोर्चे पर कोई आंच न आए। 
कानूनी कार्रवाई की तरफ बढ़ने में वह शुरुआत में थोड़ा हिचकिचाए, लेकिन जब संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाया, तब उनमें हिम्मत आई और उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया, 8 मई को मुकदमा दर्ज कराया। मृत युवती के पिता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ किसान सोशल आर्मी से जुड़े अनिल मलिक और अनूप सिंह पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, क्योंकि बेटी ने इन दोनों के बारे में जानकारी दी थी। इन दोनों के अलावा उनकी बेटी ने किसी अन्य व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, कविता और योगिता ने उनकी मदद की और अभी तक मदद कर रही हैं। 
लेकिन पुलिस ने अनिल और अनूप के अलावा महिला को भी ओरोपित बना दिया। हालांकि दूसरी ओर टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को पर एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले में तेजी से जांच में जुट गई है। जिस अस्पताल में पीड़िता भर्ती रही थी, उस अस्पताल से पुलिस ने पूरा रिकार्ड तलब किया है, जिसमें कुछ सवाल हैं, जैसे कि युवती को कब अस्पताल में लाया गया? किसने दाखिल कराया? उसको क्या तकलीफ हुई? आदि अन्य सवाल शामिल हैं। फिलहाल पुलिस इन सभी बिंदुओं पर जानकारी जुटाने में लग गई है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकार्डस आदि पुलिस खंगाल रही है। पुलिस ने अनुसार, जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हालांकि किसान नेताओं का इस मसले पर साफ कहना है कि वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। किसान नेताओं के अनुसार, पीड़िता के साथ जो कुछ हुआ, इसकी जानकारी उन्हें शुरुआत में नहीं थी। योगेंद्र यादव ने कहा, 24 अप्रैल से पहले मैं ना पीड़िता को जानता था और न ही उनके पिता को जानता था। 25 अप्रैल को पता लगा कि कुछ गड़बड़ हुआ है, लेकिन क्या, ये नहीं पता था। उन्होंने कहा, जिस वक्त युवती को आगरा की बताकर हांसी ले जाया जा रहा था, मैंने पीड़िता से बात कर लोकेशन मंगाया तो वो हरयाणा के पास की दिखा रहा था। तुरंत वापस कॉल कर आरोपी युवकों को वापस आने को कहा गया था।
उन्होंने कहा कि उस वक्त तक युवती के साथ दुष्कर्म जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। हालांकि युवती की तबीयत खराब होने की जानकारी थी। उनकी प्राथमिकता थी कि युवती को पहले इलाज मिले। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आई पश्चिम बंगाल की युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि युवती 11 अप्रैल को आरोपियों के साथ पश्चिम बंगाल से दिल्ली आई थी। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई। युवती की 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।

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