नई दिल्ली : हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अगले महीने होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस एक बार फिर दो गुटों में बंटती दिख रही है। इसका ताजा उदाहरण दिल्ली में हो रही कांग्रेस प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक में नजर आया।
दिल्ली में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर शामिल नहीं हुए। इस बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मेरी शक्ल पसंद नहीं है, इसलिए मैं इस बैठक में नहीं गया।बता दें कि प्रदेश इलेक्शन कमिटी की बैठक में शामिल नहीं हुए पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर अलग से बैठक ले रहे हैं। वो दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे थे। तंवर ने कहा कि वह अलग से बैठक कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि जिन्होंने पांच साल तक जो पार्टी के लिए काम किए उनकी उम्मीदवारी के लिए लड़ूंगा।
हालांकि, तंवर ने कहा कि कांग्रेस यह चुनाव (हरियाणा विधानसभा चुनाव) जीतेगी और प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।क्या खत्म होगी कांग्रेस की गुटबाजी? अब सवाल यह है कि क्या हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी खत्म हो सकेगी? क्या तंवर और किरण की जोड़ी शैलजा और हुड्डा की जोड़ी के साथ मिलकर कांग्रेस की चंडीगढ़ की यात्रा पूरी करवाएगी? इनके अलावा भी दिल्ली कांग्रेस दरबार में अपनी साख रखने वाले रणदीप सुरजेवाला शांत बैठेंगे?