चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्रदान कर दिया। इससे पहले यह पद इनेलो नेता अभय चौटाला के पास था। हुड्डा के संदर्भ में यह कार्रवाई कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा द्वारा स्पीकर को पत्र भेजे जाने के बाद की गई है।
यह पद हरियाणा में छह माह से खाली पड़ा हुआ था। हरियाणा में वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इनेलो दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में आई थी लेकिन पिछले साल इनेलो के दोफाड़ होने के बाद पार्टी में बिखराव लगातार बढ़ता चला गया और एक के बाद एक इनेलो के दस विधायक पार्टी को छोड़ गए।
इस बीच कांग्रेस को दो विधायकों को समर्थन मिला तो सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या बढ़ गई। संख्या बल के आधार पर कार्रवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने बीती 26 मार्च को अभय चौटाला को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था। इसके बाद कांग्रेस की किरण चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए दावा पेश किया लेकिन स्पीकर ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इस पर काबिज होने के लिए उन्हें पार्टी के अध्यक्ष का पत्र अथवा विधायकों का सहमति पत्र पेश करना होगा।
किरण चौधरी न तो विधायकों का समर्थन हासिल कर पाई और न ही पार्टी अध्यक्ष ने उनके समर्थन में पत्र लिखा। इस बीच विधानसभा का अंतिम सत्र बगैर नेता प्रतिपक्ष के संपन्न हो गया और कांग्रेस ने किरण चौधरी की विधायक दल के नेता पद तथा अशोक तंवर की अध्यक्ष पद से छुट्टी कर डाली। अब करीब छह माह बाद कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने इस मुद्दे पर विधानसभा स्पीकर के नाम पत्र लिखकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्रदान करने की सिफारिश की।
पत्र में कहा गया था हुड्डा को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना जा चुका है, इसलिए उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्रदान किया जाए। विधानसभा स्पीकर कंवर पाल गुर्जर ने मंगलवार को इस पत्र पर कार्रवाई करते हुए भूपेेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्रदान कर दिया। स्पीकर ने इस संबंध संबंधित विभागों को पत्र जारी कर दिया है।