हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के मामलों में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। राज्य के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनकी जल्दी गिरफ्तारी की जाए। इस आदेश के बाद, कैथल के डीएसपी (मुख्यालय) वीरभान ने संबंधित थानों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत उन किसानों की गिरफ्तारी करें जिन पर पराली जलाने के आरोप हैं।
कृषि विभाग के उपनिदेशक बाबूराम ने बताया कि कैथल जिले में अब तक पराली जलाने के 123 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 63 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है, और एक लाख 57 हजार रुपये की रिकवरी की जा चुकी है। इसके अलावा, 11 किसानों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 11 एफआईआर दर्ज की गई है। बाबूराम ने बताया कि अब तक 43 किसान मेरी फसल, मेरा ब्यौरा कार्यक्रम के तहत रेड एंट्री में शामिल हो चुके हैं, जिसका अर्थ है कि वे अगले दो साल तक अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।
कैथल के उपायुक्त विवेक भारती ने भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लिया और बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव से मिले आदेशों के अनुसार पराली जलाने के मामलों में कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है। उनका कहना था कि यह कदम बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए आवश्यक है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए गए आदेशों के संबंध में उन्होंने कहा कि उनके पास अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं आया है; उन्हें केवल समाचार पत्रों के माध्यम से इसकी सूचना मिली है।
इस स्थिति को देखते हुए सरकार की योजना से स्पष्ट है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर इस समस्या को गंभीरता से हल किया जाएगा। सभी संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में तेजी से काम करने के लिए कहा गया है, ताकि प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सके।