कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब उनका ध्यान कोरोना वायरस (कोविड-19) से निजात पाने में होना चाहिए था उस समय वह शराब की फैक्टरियों के संचालन में जल्दबाजी दिखा रही है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ‘‘खट्टर- चौटाला सरकार का लक्ष्य हरियाणा की ढाई करोड़ जनता का कल्याण होना चाहिए था लेकिन वह शराब की फैक्टरियों के संचालन में जल्दबाजी दिखा रही है।’’ प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद सूत्रों ने शनिवार को बताया था कि लॉकडाउन को बढ़ाने की प्रस्तावित अवधि के दौरान शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति दी जा सकती है क्योंकि कई मुख्यमंत्रियों ने इसकी पुरजोर वकालत की है। उनका कहना है कि राज्यों के लिए राजस्व सृजन का यह बड़ा स्रोत है।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त की तरफ से 11 अप्रैल को जारी एक सर्कुलर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘आबकारी एवं कराधान आयुक्त की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वे अपने जिलों में डिस्टलरी, बॉटलिंग संयंत्रों से भारत में बनने वाली विदेशी शराबों, ब्रेवरीज, वाइनरीज को तुरंत प्रभाव से शुरू कराएं।’’
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आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘थोक एवं खुदरा कारोबार के लिए आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन की समय सीमा खत्म होने के बाद थोक एवं खुदरा लाइसेंस के लिए इसे पूरी तरह संचालन के निर्देश के तौर पर माना जाए।’’
हरियाणा के पूर्व मंत्री सुरजेवाला ने कहा कि लॉकडाउन के समय ‘‘सरकार की प्राथमिकता कोरोना वायरस से लड़ने, चिकित्सकों, नर्स, पैरामेडिकल कर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को निजी सुरक्षा उपकरणों, एन-95 मास्क और अन्य उपकरण मुहैया कराने की होनी चाहिए थी न कि शराब की दुकानें खुलवाने में।’’ उन्होंने दावा किया कि पूरे राज्य में बंद के बावजूद शराब की अवैध बिक्री जारी है जो दिखाता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विफल है।