महेन्द्रगढ़ : विजिलेंस विभाग की टीम ने सोमवार को महेंद्रगढ़ थाना में तैनात एएसआई सत्यवान को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की जानकारी देते हुए विजिलेंस विभाग के निरीक्षक कुलवंत सिंह ने बताया कि महेंद्रगढ़ के गांव देवास निवासी वीरेन्द्र की शादी रेवाड़ी जिला के गांव चांदुवास निवासी रामौतार की पुत्री केला देवी के साथ हुई थी।
वीरेन्द्र के अपने ससुरालजनों के साथ संबंध ठीक नहीं थे तथा उनके बीच लड़ाई-झगड़ा होता रहता था। उन्होंने बताया कि बीते अक्टूबर मास में वीरेन्द्र के ससुराल पक्ष के लोगों ने गांव देवास जा कर उसके घर में घुस कर वीरेन्द्र व उसके परिजनों के साथ मारपिटाई की। पीड़ित वीरेन्द्र ने महेन्द्रगढ़ थाना में इस मामले में अपने ससुराल पक्ष के 8 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था जिसमें से चार लोगों की जमानत न्यायालय से हो गई थी ।
इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो गया था। शेष चार आरोपियों के नाम शिकायतकर्ता वीरेन्द्र के बयान हल्फिया के आधार पर निकलवाने के लिए आरोपी बिल्लु एएसआई सत्यवान के पास गया। इन नामों को केस से निकालने के लिए सत्यवान ने बिल्लू से पहले तो 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। लेकिन बाद में वह 20 हजार रूपये में राजी हो गया। यह रिश्वत देने से पूर्व बिल्लू ने विजिलेंस टीम को इसकी जानकारी दे दी थी।
योजना के तहत कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने के लिए जिला प्रशासन ने डीडीपीओ कुलदीप को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। उसके साथ अन्य अधिकारियों में विजिलेंस विभाग के निरीक्षक कुलवंत सिंह, एसआई जयचंद, एएसआई प्रकाश चंद, एचसी अमित कुमार आदि शामिल थे। दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे जब एएसआई सत्यवान महेन्द्रगढ़ थाना में अपनी ड्यूटी पर था तभी बिल्लू वहां पहुंचा तो एएसआई सत्यवान ने उसे थाने की पहली मंजिल पर बने एक कमरे में बुला कर उससे 20 हजार रुपए ले लिए तथा आश्वासन दिया कि अब उनके चारों लोगों के नाम निकाल दिये जाएंगे।
विजिलेंस निरीक्षक कुलवंत सिंह ने बताया कि रूपये देने के बाद बिल्लू का इशारा मिलते ही उनकी टीम तथा नोडल अधिकारी थाने की पहली मंजिल पर पहुंच गए तथा सत्यवान को रंगे हाथों पकड़ कर उससे 20 हजार रुपए बरामद कर लिए। विजिलेंस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
(सरोज यादव)