चंडीगढ़ : सूबे में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है। दिवाली के छह दिन बाद हरियाणा के दस शहर दोपहर 12 बजे तक गैस चैंबर बने रहे। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 से 800 तक रिकॉर्ड किया गया। राज्य के पंजाब और राजस्थान से लगते जिले हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में वायु प्रदूषण का यह स्तर इस वर्ष में अब तक का सर्वाधिक है। उधर, देश की राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य आपात काल लागू होने के बाद प्रदूषण फैलाने वालों पर हरियाणा में सख्ती बरती गई है। साईबर सिटी गुरूग्राम, फरीदाबाद के अतिरिक्त रोहतक, सोनीपत, रेवाडी और झज्जर जिले वायु गुणवत्ता सूचकांक में बेहद खतरनाक रेज में आ गए है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई तरह की पाबंदियों के आदेश जारी किये हैं। इसके तहत फरीदाबाद और गुरुग्राम में पांच नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान रात में भी निर्माण कार्य नहीं होगा। वहीं, हरियाणा के एनसीआर जिलों में हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रेशर भी बंद रहेंगे। फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ में सभी कोयला और अन्य ईंधन आधारित उद्योग, जिन्होंने अभी तक खुद को नेचुरल गैस और जैव अवशिष्ट ईंधन पर कनर्वट नहीं किया है, वे भी पांच नवंबर तक बंद रहेंगे।
बोर्ड ने हरियाणा में पूरी सर्दियां किसी भी सूरत में पटाखे नहीं जलाने के आदेश हैं। वहीं, शनिवार को प्रदेश के अधिकांश शहरों में स्मॉग का असर रहा। पिछले छह दिनों से धुंध और बादलों के चलते धूप खुलकर नहीं निकल रही है। ग्रुरुग्राम में सुबह आठ बजे दृश्यता महज 250 मीटर ही रह गई थी। ऐसे में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है।
रोहतक सहित कुछ शहरों में शुक्रवार शाम तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने हरियाणा सहित दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना जताई है। अरब सागर में आए चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के चलते बूंदाबांदी के साथ ही सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल तेज होगी और वायु प्रदूषण छंट सकता है।