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धरने पर बैठे किसान की मौत से माहौल तनावपूर्ण

नेशनल हाइवे 152डी के लिए अधिग्रहण होने वाली जमीन की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर गांव ढाणी फौगाट में किसान एक माह से धरने पर बैैैैठे थे।

चरखी दादरी : नेशनल हाइवे 152डी के लिए अधिग्रहण होने वाली जमीन की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर गांव ढाणी फौगाट में किसान एक माह से धरने पर बैैैैठे थे। इसी दौरान शनिवार को धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई। इसकेे बाद किसान भड़क गए। किसानों ने धरनास्थल पर किसान का शव रखकर रोष प्रदर्शन किया। प्रशासनिक अधिकारियों से बात बेनतीजा रहने के बाद किसान शव को ट्रैक्टर में रखकर दादरी स्थित लघु सचिवालय की तरफ कूच कर रहे हैं। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। रविवार को किसानों के धरनास्थल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी पहुंचे। 
गांव ढाणी फौगाट निवासी करीब 60 वर्षीय किसान रामअवतार तीन एकड़ जमीन का मालिक था। गंगहेडी से नारनौल तक बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाइवे 152डी में उसकी ढाई एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। नेशनल हाइवे के लिए अधिग्रहण होने वाली जमीन की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर दादरी जिलेे के गांव रामनगर के समीप बीते फरवरी माह से किसानों का धरना चल रहा है। 
गांव मोड़ी के धरने में भी किसान रामअवतार काफी सक्रिय था। उसके बाद बीती 4 जुलाई से गांव ढाणी फौगाट में भी किसानों ने इसी मांग को लेकर धरना शुरू कर रखा है। गांव ढाणी फौगाट में चल रहे धरने में भी रामअवतार काफी सक्रिय भूमिका निभा रहा था। वह दिन-रात धरना स्थल पर ही रहता था। रविवार सुबह भी वह कुछ देर के लिए घर पर गया था। उसके बाद वह वापस धरनास्थल पर आ गया था। यहां पर सुबह करीब साढ़े 7 बजे उसकी संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। जिसके बाद यह मामला गरमा गया। 
किसानों का कहना है कि रामअवतार की मौत जमीन अधिग्रहण के चलते मानसिक तनाव के कारण हुई है। इस दौरान किसानों ने मृतक किसान को शहीद का दर्जा, परिवार को एक करोड़ रूपये का मुआवजा तथा योग्यता के आधार पर मृतक के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी। किसानों ने कहा कि जब तक ये मांगें नहींं मानी जाएंंगी, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

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