गुरुग्राम : साइबर सिटी का सिविल थाना विवादों में आ गया है। थाने में तैनात एसपीओ ने आत्महत्या कर पुलिस के कई राज खोल दिए हैं। कैसे शराब पीकर उसके बैरक में बोतल फेंककर और पेशाब करके किया जाता था परेशान। उसे हर तरीके से प्रताडि़त किया गया जिसके चलते एसपीओ ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एसीपी को सौंपी। थाना के एसएचओ सहित आधा दर्जन अधिकारियेां और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज। पूरे पुलिस विभगा में मची खलबली। पूरा दिन पुलिस विभाग में सिविल थाने का प्रकरण ही छाया रहा। मरने से पहले एसपीओ ने विपक्ष के नेता दुष्यंत चौटाला, मुख्यमंत्री और डीजीपी को लिखा था पत्र।
11 दिन पहले नौ मार्च को एसपीओ विनोद कुमार पुत्र धर्मचंद ने पत्र लिखकर बताया था कि वह दिसंबर 2017 से गुरुग्राम में सिविल लाइन थाना में बतौर एसपीओ कार्यरत है। आरोप लगाया कि थाना के एसएचओ नरेंद्र खटाना, एएसआई गजराज खटाना, एएसआई बनी ङ्क्षसह, एचसी कृष्ण, एचसी कप्तान सिंह, एचसी संदीप कुमार (एसएचओ का ड्राइवर है), संदीप कुमार कमांडो, जरनैल सिंह कमांडो, एसपीओ जोगिंद्र सिंह व एसपीओ जगबीर सिंह उसे प्रताडि़त करते हैं और उसके बैरक में पेशाब करते थे। शराब की बोतलें उसके बक्से के नीचे रख देते थे। इन सभी प्रताडऩाओं के चलते वह काफी मानसिक रूप से परेशान हो चुका था। एसपीओ ने मरने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, डीजीपी, डीआईजी गुरुग्राम, सांसद दुष्यंत चौटाला के नाम प्रेषित किया गया है।
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– सतबीर भारद्वाज