कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर सरकार द्वारा गठित समिति को कमजोर करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के संदर्भ में सरकार की नीयत पर संदेह है।पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह आरोप भी लगाया कि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, लेकिन खेती पर लागत जरूर दोगुनी हो गई है।
देश का किसान और खेती खतरे में
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, आज पूरे देश में खेती और किसान संकट में हैं। मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना दिखाया था। किसानों की आमदनी तो नहीं बढ़ी... लेकिन कर्ज कई गुना जरूर बढ़ गया है।
हुड्डा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने किसानों से जुड़ी कई योजनाओं का बजट और उनमें मिलने वाली सब्सिडी को घटा दिया है।
सही चीजों पर देना पद रहा है टैक्स
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी करेंगे, लेकिन आय नहीं, बल्कि लागत दोगुनी से ज्यादा हो गई। जीएसटी की सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी। कांग्रेस के समय उर्वरक, कीटनाशक और ट्रैक्टर के कल-पुर्जे पर कोई कर नहीं लगता था। अब सब चीजों पर कर देना पड़ता है।
किसानो को आज भी एमएसपी नहीं
हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन के समय मोदी सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की बात कही थी, लेकिन आज भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा है।उन्होंने सरकार द्वारा गठित समिति के संदर्भ में कहा, ‘‘किसानों ने भी कहा है और हम भी कह रहे हैं कि यह समिति कमजोर है... इससे लगता नहीं है कि सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के आठ महीने बाद पिछले साल जुलाई में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की 'अधिक असरदार एवं पारदर्शी' व्यवस्था बनाने के लिए एक समिति का गठन किया था।