करनाल : 1947 में देश आजाद नहीं हुआ था बल्कि देश का विभाजन हुआ था, क्योंकि शहीदों ने जिस अखंड भारत की आज़ादी के लिए जेलें काटी, गोलियाँ खायी व हँसते-हँसते फाँसी के फंदे को चूमा वो भारत लाहौर से ढाका तक था। ये उद्गार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश ने निफा द्वारा आयोजित कार्यक्रम वन्दे मातरम में व्यक्त किए।
निफा द्वारा शहीद ए आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के 88वे शहादत दिवस पर आयोजित उतर भारत युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए इंद्रेश ने कहा कि अगर हम वास्तव में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी है तो हमें भारत भूमि को ज़मीन का टुकड़ा न समझ कर भारत माता समझना होगा व जब हम सभी का जुड़ाव भारत माता के साथ हो जाएगा तो धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषा के नाम पर झगड़े अपने आप समाप्त हो जाएँगे।
उन्होंने हरियाणा के विभिन्न जिलो के साथ साथ पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से आए युवाओं को अखंड भारत, स्वच्छ भारत के लिए काम करने का संकल्प भी दिलवाया। उत्तर भारत के युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस सम्मेलन मेंयुवा गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं को शहीद भगत सिंह युवा शक्ति सम्मान, शहीद राजगुरु युवा सम्मान व शहीद सुखदेव युवा सम्मान से नवाज़ा गया।
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– हरीश/आशुतोष