जींद: मनो सरकार ने माता बनभौरी शक्तिपीठ के सरकारीकरण का जो फैसला लिया है, वह भाजपा के लिए नासूर बनता हुआ दिखाई दे रहा है। क्योंकि सरकारीकरण के फैसले के विरोध में माता के श्रद्धालु और ब्राह्मण समाज के लोग तथा विपक्षी पार्टियों ने जिस तरह हुंकार भरके भाजपा को चेताया है, उसके भविष्य में दुष्परिणाम सामने आते हुए नजर आ रहे हैं। खासकर जिस ब्राह्मण समाज ने आंख मूंद कर भाजपा की चुनावी नैय्या को पार लगाने में जोर मारा था, वह सरकारीकरण के निर्णय के बाद कहीं ना कहीं छटकता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि सरकारीकरण के विरोध में श्रद्धालु, साधू-संत समाज के अलावा खापों के चौधरी मैदान में उतर चुके हैं। किंतु ब्राह्मण समाज तो पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ लामबद्ध हो रहा है।
भले ही सत्ता से जुड़े कुछेक ब्राह्मण नेता इस मामले में खुलकर सरकार के खिलाफ नहीं आ रहे हैं। किंतु अंदर ही अंदर मंदिर पर सरकारीकरण की चोट उनको साल रही है। इसी चोट के नतीजन ही जब बीती 15 दिसंबर को जींद की सड़कों पर श्रद्धालु, साधू-संत, खाप चौधरी और ब्राह्मण सड़कों पर उतरे तो उनमें भाजपाई नेचर के ब्राह्मण समाज के लोग भी गरज रहे थे। इस गरजना के दौरान सरकार के खिलाफ जो आक्रोश दिखाई दिया, उससे यह बात तो तय हो चली है कि मंदिर के सरकारीकरण निर्णय को फलीभूत करना, मनो सरकार के लिए आसान नहीं होगा। सरकारीकरण के विरोध में साधू-संतों ने साफ तौर पर भाजपा सरकार को चेताया है कि जिस उम्मीद के साथ भाजपा को सिंचकर उसे सत्ता तक पहुंचाया था, वह उस पर खरी न उतरकर उनको ही ना उम्मीद कर रही है। माता मंदिर का सरकारीकरण केवल उनकी लाशों पर ही चलकर हो सकता है।
इसके लिए आंदोलन का आगाज तो कर दिया है, उसे भविष्य में भी धार दी जाएगी। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. पूजा शकुन पांडे ने महासम्मेलन में गर्जना करते हुए कहा था कि माताओं का सरकारीकरण नहीं किया जाता। प्रदेश की खट्टर सरकार को अगर माता का अधिग्रहण करना है तो पहले वह उन माताओं का टेकओवर करें, जिनकी कोई संभाल नहीं होती। यह बड़े शर्म की बात है कि खट्टर सरकार को माता की नहीं, बल्कि उसके दरबार में होने वाली आमदनी की फिक्र है। प्रदेश सरकार जिस दुर्गा माता के मंदिर को छीनने का प्रयास कर रही है, वह दुस्साहस कदापि पूर्ण नहीं होने दिया जाएगा।
इसके लिए अनशन करना पड़े या फिर मौत से गुजरना पड़े, वे तैयार है। पूजा पांडे ने अनशन की जो गर्जना की थी, उसे युवा ब्राह्मण नेता कपिल शर्मा आज मूत्र्त रूप देंगे। कपिल शर्मा आज अपने साथियों के साथ जींद के लघुसचिवालय के नजदीक आमरण अनशन शुरू करेंगे। आंदोलन के दूसरे कदम पर आमरण अनशन करना इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि अगर भाजपा सरकार ने मंदिर के सरकारीकरण के फैसले पर कोई साकारात्मक रूख नहीं दिखाया तो बात बनने की बजाय बिगड़ सकती है। आमरण अनशन का ऐलान करने वाले कपिल शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी हठ में इतनी मदहोश हो चुकी है कि उसे लाखों लोगों की भावना कतई दिखाई और सुनाई नहीं दे रही।
पिछले 25 दिनों से दुर्गा माता के श्रद्धालु सरकारीकरण के विरोध में अपना रोष जता चुके हैं। पिछले दिनों तो जींद की धरा पर बड़ा आक्रोश प्रदर्शन करके इस बात के संकेत भी दे दिये थे कि जान भले ही चली जाएं, लेकिन माता का मान नहीं जाने देंगे। किंतु अपनी मस्ती में मदहोश भाजपा की प्रदेश सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक पहल सामने नहीं आई है। इसलिए अब आमरण अनशन जैसा कदम उठाने पर मजबूर हुए है।
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– संजय शर्मा