जींद : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जींद में विकास कार्यों के साथ-साथ कार्यकत्र्ताओं तथा आम जनता के दिल के साथ जमकर तार जोडऩे का काम किया। पिछले तीन सालों से किसी भी कार्यकत्र्ता के घर पर जाने से बच रहे मुख्यमंत्री ने अपनी ही लीक को तोड़कर चहेते कार्यकर्ताओं के आवासों पर पहुंचकर जलपान भी किया। मुख्यमंत्री ने एकलव्य स्टेडियम और पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला के निवास पर कार्यकर्ताओं से पार्टी की मजबूती के लिए जमकर जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने तथा सम्मान विकास करवाने का जो वायदा जनता से किया था, उस वायदे को बेखूबी निभाया जा रहा है और ऐसा करने से संतुष्टि भी प्राप्त हुई है।
भविष्य में भी प्रदेश में किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जायेगा। जनसभा से पहले लगभग 154 करोड़ रूपये की 15 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। इस मौके पर परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार, सफीदों विधायक जसबीर देशवाल, पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला, प्रदेश सचिव जवाहर सैनी, जिला प्रधान अमरपाल राणा, जिला उपप्रधान डॉ. राज सैनी, जिला परिषद की चैयरपर्सन पदमा सिंगला, युवा नेता कपिल शर्मा, मनीष गोयल बबलू, एडवोकेट तिजेंद्र ढुल, हरेन्द्र डूमरखंा, औमप्रकाश थूआ, सुरेश कौशिक, औमप्रकाश नैन, पुष्पा तायल, डीसी अमित खत्री, प्रवर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरूण सिंह, एसडीएम महाबीर प्रसाद, नगराधीश सत्यवान सिंह मान, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंदीप कुमार आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला द्वारा आयोजित जनसभा को सम्बोन्धित करते हुए कहा कि पिछली बार जींद समेत जिले के अन्य हल्कों में यहां के लोगों ने कुछ कमी रख दी थी। किंतु उस गलती को दोहराएं नहीं। वे यहां के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। भविष्य में यहां की बहादुर जनता भी दिल खोलकर साथ देंं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार कैंसर की बीमारी की तरह तेजी से फैल रहा था, जो प्रदेश के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ था। इसे जड़ से खत्म करने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाये गये है। कुछ हद तक इसे रोकने में भी सफलता हासिल हुई है, लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि हर हाल में प्रदेश को भष्ट्राचार मुक्त कर जनता को सुशासन प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार को खूब बढ़ावा दिया। यहां तक की विपक्षी पार्टियों के नेता अपराधियों तक को संरक्षण प्रदान कर रहे थे, उनके घर जाकर चाय तक पी जाती थी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वर्ष पहले तक प्रदेश के स्कूलों में अध्यापक दूसरे किसी व्यक्ति को 15- 20 हजार रूपये देकर बच्चों को पढ़ाने के लिए भेज देते थे और खुद अपना घर का काम करते थे। अब ऐसा नहीं होने दिया जा रहा है। इस तरह की अनियमिताओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कलास रूमों में अध्यापकों के फोटो लगवाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि बच्चों को यह पता लग सके कि उनका असली अध्यापक उन्हें पढ़ा रहा है या कोई अन्य व्यक्ति।
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– संजय शर्मा