चंडीगढ़ : हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी अाज हड़ताल पर हैं। उन्हाेंने रोडवेज की 4000 से अधिक बसों का चक्का जाम कर दिया है। रोडवेज की अन्य पांच यूनियनों ने भी हड़ताल को नैतिक समर्थन दे दिया है। हालांकि, इन यूनियनों के जुड़े कर्मचारी चक्का जाम में शामिल नहीं होंगे। वे दफ्तर में हाजिरी लगाने के बाद डिपो में ही मौजूद रहेंगे।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति यह चक्का जाम केंद्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट-2017 के विरोध में कर रही है। समिति संशोधन एक्ट को रद कराने के साथ ही हरियाणा के कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे भी इस दौरान उठाएगी। इसमें किलोमीटर स्कीम के तहत सात सौ बसों को ठेके पर लेने का मुद्दा भी प्रमुख है। इसके अलावा कर्मचारियों की आधा दर्जन और भी मांगें हैं। साथ ही कर्मचारी यूनियनें पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों को भी जल्दी लागू करने की मांग उठाएगी। सरकार और पुलिस प्रशासन रोडवेज यूनियनों के चक्का जाम पर सरकार भी पूरी तरह से नजर रखे हुए है।
डिपुओं के आसपास सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। सरकार किसी भी सूरत में कर्मचारियों के साथ टकराव नहीं चाहती। निजी बस आपरेटरों से भी संपर्क साधा गया है और उन्हें सभी रूट पर सुचारू रूप से बसें चलाने के निर्देश परिवहन विभाग के अधिकारियों ने दिए हैं। बता दें कि चौबीस घंटे की हड़ताल से रोडवेज को लगभग चार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। वहीं आठ राज्यों में रोडवेज की सेवाएं बाधित रहेंगी। संयुक्त संघर्ष समिति के नेता इंद्र सिंह बधाना व सरबत सिंह पूनिया ने कहा कि सोमवार रात जो बसें रूट पर रवाना होंगी, उन्हें गंतव्य स्थल पर पहुंचने के बाद रोक दिया गया, जबकि डिपो में खड़ी बसें रूट पर नहीं चलेंगी। केंद्र व प्रदेश सरकार की हठधर्मिता के चलते रोडवेज कर्मियों को चक्का जाम करना पड़ रहा है।