रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की रविवार को गोहाना रोड स्थित मेला ग्राउंड में होने वाली परिवर्तन रैली को लेकर प्रदेश के सभी राजनीतिज्ञों की नजर है। चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का दामन छोड़ने जा रहे हैं और यह भी कयास लगाए जा रहा है कि पूर्व सीएम शरद पंवार की एनपीसी में शामिल होकर कांग्रेस को चुनौती देंगे। परिवर्तन रैली को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। बारिश के मौसम को देखते हुए वॉटर प्रफू पंडाल लगाया गया है और करीब पचास हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि आयोजकों का दावा है कि दो लाख लोग अधिक लोग रैली में पहुंचेंगे और इसी हिसाब से तैयारियां की गई है।
बताया जा रहा है कि रैली में 13 मौजूदा विधायक व पूर्व विधायक, पूर्व सांसद सहित करीब सौ से अधिक वरिष्ठ नेता मंच होंगे। हुड्डा गुट के वरिष्ठ नेता ने बताया कि एनपीसी में शामिल होकर हुड्डा हरियाणा की 90 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याक्षी चुनाव मैदान में उतारेंगे। चर्चा है कि एनसीपी के सुप्रीमो शरद पंवार भी इस विलय को अपनी स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं, क्योंकि पश्चिमी उत्तर भारत में एनपीसी का कोई जनाधार दिखाई नहीं देता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा एनपीसी का दामन थामने से हरियाणा और पंजाब में एनपीसी को ताकत प्राप्त होगी।
यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस से नाराज चल रहे प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं को भी रैली में बुलाने के लिए पूर्व सीएम हुड्डा ने संंपर्क साधा है और हुड्डा को आश्वासन भी मिला है। शनिवार को रैली स्थल का निरीक्षण करने के लिए पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा व पूर्व विधायक संत कुमार अपने समर्थकों सहित पहुंचे और रैली स्थल को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिए। रैली को लेकर हुड्डा खेमा के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है और उन्हें उम्मीद है कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा अपने अगले सियासी कदम को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
जबकि पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा तो साफ ही कह चुके है कि पूर्व सीएम हुड्डा का अब अलग ही दल होगा और सिर्फ औपचारिकता ही बाकि है जोकि रविवार को कर दी जाएगी। दरअसल प्रदेश के नेतृत्व को लेकर हुड्डा पिछले तीन साल से पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाने में लगे हुए है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व में प्रदेश संगठन में फेरबदल से हाथ पीछे खिंच रखे है, जिसके चलते हुड्डा को अब यह विकल्प तलाशना पड़ रहा है।