लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

सांसद, विधायक से मिलने के लिए भी देना पड़ेगा टोल

बसताडा टोल प्लाजा व पानीपत टोल प्लाजा को घरौंडा के नागरिकों ने हटाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि विचित्र स्थिती है कि हमें सांसद व विधायक से मिलने के लिए भी टोल टैक्स देना पडेगा।

घरौंडा : बसताडा टोल प्लाजा व पानीपत टोल प्लाजा को घरौंडा के नागरिकों ने हटाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि विचित्र स्थिती है कि हमें सांसद व विधायक से मिलने के लिए भी टोल टैक्स देना पडेगा। सांसद का निवास पानीपत में है जबकि विधायक हरविन्द्र कल्याण का निवास कुटेल (मधुबन) के पास है,दोनोंं ही रास्तों पर टोल बैरियर बने हुए है जिन पर टोल वसूला जाता है। 
विधायक हरविन्द्र कल्याण के रास्ते में  पडने वाले बसताडा टोल प्लाजा को पिछले कुछ समय से स्थानीय नागरिकों के लिए फ्री किया गया था। फास्टैग व्यवस्था शुरू होने पर अब स्थानीय नागरिकों को भी अपने वाहनों पर फास्टैग लगवाना पडेगा। घरौडा व आसपाास के गांवों के लोगों का कहना है कि करनाल जाना पडे या पानीपत दोनों ही जगहों पर उनसे टोल वसूली होगी। 
पानीपत में तो पहले से ही टोल देते आ रहे हैं अब करनाल जाने में भी जेब ढ़ीली करनी पडेेगी। स्थानीय नागरिकों को दिन में अपने काम से करनाल व पानीपत के कई चक्कर भी लगाने पड़ सकते है। इसके अलावा अपने सांसद व विधायक से स्थानीय नागरिकों को काम पडते रहते है। काम के सिलसिले में उन्हें मधुबन व पानीपत आना जाना पडता है लेकिन करीब 17 किलो मीटर के दायरे में दो टोल बैरियर लगाना कहीं न कहीं सरकारी नियमों की भी अवहेलना है। 
लोगों का कहना है कि जब वाहन खरीदते समय रोड टैक्स ले लिया जाता है व डीजल पैट्रोल खरीदने पर भी उपभोक्ता को जुडा हुआ टैक्स देना पडता है तो टोल टैक्स लेने का क्या औचित्य बनता है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बसताडा व पानीपत टोल बैरियर कई सालों से लगे हुए हैं, इनको इतना लम्बे समय तक क्यों रखा जा रहा है। लोगों का ये भी कहना है कि हाइवें पर अभी तक सड़क का पूरा कार्य हुआ भी नही जिसके लिए लगातार टोल लिया जा रहा।  
लोकल ट्रक चालकों व हैवी वाहन मालिकों का कहना है कि टोल दर इतना महंगा है कि यदि कई चक्कर लग जाए तो सारी आमदनी टोल में ही देनी पडेगी। जिन्होने किस्तों पर गाडियां ले रखी है वे किस्त कैसे निकाल पाएंगें। इसलिए बसताडा टोल प्लाजा पर ट्रक व कैंटर चालकों ने नारेबाजी भी की थी।
पूर्व सांसद अश्विनी चोपड़ा ने लोगों के लिए बसताड़ा टोल प्लाजा करवाया था फ्री
करनाल के पूर्व सांसद अश्विनी चोपड़ा के कार्यकाल में स्थानीय नागरिकों ने उनके सामने ये मद्दा उठाया था, जिस पर सांसद ने संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा था व स्थानीय नागरिकों को आश्वासन दिया था कि यदि स्थानीय लोगों से टोल वसूला जाता रहा तो वे उनके साथ टोल बैरियर पर ही धरने पर बैठ जाएंगे।  
उनके प्रयासों से बसताडा टोल प्लाजा पर आसपास के गांवों के लोगों की सुविधा के लिए टोल फ्री करवाया गया था। अब फिर से फास्टेग के चलते स्थानीय नागरिकों को भी टोल अदा करना पडेगा, जिसके चलते आसपास के गांवों के लोगों में टोल प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।