पलवल: असावती रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन में हुए विवाद मैं दो लोगों को चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। जिसमें एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए व मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए फरीदाबाद के बी.के. अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने घायल की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। रेलवे डीएसपी फरीदाबाद महेंद्र कुमार ने बताया कि बीती रात उन्हें सूचना मिली थी कि पलवल-असावती के बीच इंटरसिटी ट्रेन में सवार कुछ लोगों में आपस झगड़ा हो गया। झगड़े में दो लोगों को ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया है। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। जांच करने पर पता चला है कि मृतक पलवल के मोहन नगर निवासी देवेंद्र है जो मूलरूप से गांव आलुका का रहने वाला है और दूसरा घायल व्यक्ति गांव टिकरी ब्राह्मण निवासी ललित है।
घायल ललित को उपचार के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है और मृतक देवेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए बी.के. अस्पताल फरीदाबाद भिजवाया गया। उन्होंने बताया कि झगड़े के दौरान यात्रियों ने तीन लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है जो हमारी हिरासत में है और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। बताया गया है कि इस वारदात में चार व्यक्ति शामिल है, लेकिन एक अभी पुलिस गिरफ्त से बहार है। एक प्रत्यक्षदर्शी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। प्रथम बात यह ही सामने आई है कि इनके बीच झगड़ा हुआ था। लेकिन झगड़ा किस बात को लेकर हुआ इस बारे में गहन जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि घायल ललित फिलहाल बयान देने की हालत में नही है।
जब उसके बयान दर्ज हो जाएंगे तब ही मामले का पूर्ण रूप से खुलासा हो पाएगा। हिरासत में लिए गए लोग दिल्ली साइड़ के रहने वाले हैए जो आगरा जा रहे थे। मृतक देवेंद्र शादीशुदा है और उसकी उम्र लगभग 45 वर्ष है। देवेंद्र के दो बेटे व दो बेटी हैं। देवेंद्र बल्लभगढ़ स्थित निजी कंपनी में नौकरी करता था जो प्रतिदिन की तरह शनिवार की रात ड्यूटी खत्म करके घर आ रहा था। लेकिन उसे क्या पता था कि आज का दिन उसकी जिंदगी का आखरी दिन है। देवेंद्र का एक छोटा भाई चरण सिंह है जिसके सात लड़की हैं और एक लड़का है और वह अपने पैतृक गांव आलुका में खेती बाड़ी का कार्य करता है। देवेंद्र के पिता आर्मी में नौकरी करते थे जिनकी काफी दिन पहले मौत हो चुकी है। देवेंद्र के पड़़ोसी रॉकी ने बताया कि देवेंद्र बहुत ही सीधा-साधा व अच्छे नेचर का व्यक्ति था। देवेंद्र का कभी भी किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ तथा सभी से प्यार करता था और सभी की बात मानता था। देवेंद्र की मौत से कालोनी में मातम का माहौल छाया हुआ है।
– ओमप्रकाश, भगत सिंह