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हरियाणा में बेरोजगारी दर 28.7 प्रतिशत पर पहुंची : सुरजेवाला

हरियाणा की भाजपा सरकार बेरोजगारी को काबू करने में पूरी तरह विफल रही है और सरकार की गलत नीतियों के चलते आज हरियाणा में बेरोजगारी की समस्या ने इतना विकराल रुप ले लिया है।

चंडीगढ़ : हरियाणा की भाजपा सरकार बेरोजगारी को काबू करने में पूरी तरह विफल रही है और सरकार की गलत नीतियों के चलते आज हरियाणा में बेरोजगारी की समस्या ने इतना विकराल रुप ले लिया है कि आज हरियाणा में बेरोजगारी दर अभूतपूर्व रुप से 28.7 प्रतिशत पर पहुँच गई है, जो आज देश में सबसे ज्यादा है। ये बयान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिया है। 
उन्होने कहा सैंटर फार मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सी.एम.आई.ई.) द्वारा अगस्त, 2019 में देश की बेरोजगारी की स्थिति पर जारी रिपोर्ट से पूरे देश में वर्तमान बेरोजगारी की दर घोर निराशापूर्ण स्थिति का पता चलता है, जो 8.37 प्रतिशत पर है, लेकिन इसी रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश में व्याप्त गंभीर बेरोजगारी से भी साढ़े तीन गुना से कहीं ज्यादा दर से बढ़ते हुए भयावह स्थिति में पहुँच गई है। 
इस सब के बावजूद प्रदेश की सरकार लोक सभा चुनाव में मिली जीत की खुमारी व सत्ता के घमंड में इस समस्या की ओर से आँखे मूँद कर गहन निद्रा में लीन है। हरियाणा के साथ लगते प्रदेश पंजाब में बेरोजगारी 8.7 प्रतिशत, दिल्ली में 13.6 प्रतिशत, उत्तराखंड में 6.6 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 12.3 प्रतिशत दर्शाई गई है, जिससे हरियाणा में निरंतर विकराल रुप ले रही बेरोजगारी की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। 
देश में आ रही मंदी के चलते आने वाले महीनों में बेरोजगारी की स्थिति के और भी बदतर होने के आसार हैं, लेकिन हरियाणा की सरकार इस समस्या के समाधान के लिए ठोस उपाय करने के प्रयास करना तो दूर इस समस्या को स्वीकार करने से ही इंकार कर रही है। गुड़गांव में मारुति कंपनी में उत्पादन कम हो चुका है और इसकी अनुषंगी इकाईयों का उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित है। परिणाम स्वरुप गुडग़ांव और इसके आस-पास के गांवों के हजारों कामगार बेरोजगार हो गये हैं।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।