चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा हिसार में 4200 एकड़ भूमि पर एकीकृत उड्डयन हब विकसित करने की प्रतिबद्धता के तहत रिजनल कनैक्विटी स्कीम (क्रष्टस्) फ्लाइटस शुरू करने के लिए एयरलाइनस को भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ हुए उडान(ष्ठ्रहृ) समझौते की शर्तों से आगे बढकऱ अतिरिक्त प्रोत्साहन मुहैया करवाने का निर्णय लिया गया है। यह और अन्य दूसरे निर्णय आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित नागरिक उड्डयन विभाग की एक बैठक में लिए गए। बैठक के दौरान विभिन्न निर्णय लिए गए जिसमें समयबद्ध निर्धारित अवधि में एमआरओ और एफडीओ सुविधाएं विकसित करने के लिए मंजूरी, संयुक्त कार्यकारी समूह का सृजन के साथ-साथ नागरिक उड्डयन विभाग और उद्योग विभाग का एक स्पेशल पर्पज व्हीकल का गठन करना, जोकि राज्य के लिए नागरिक उड्डयन नीति का प्रारूप तैयार करने का कार्य करेगा। इसके अलावा, तीन चरणों के लिए अतिरिक्त सुविधाओं को सुनिश्चित करना, डीपीआर को तैयार करना, योजना व आसपास के क्षेत्र के लिए मास्टर योजना, राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना, विशेषकर सरकारी भूमि हेतु, पर्यावरण मंजूरी लेना, निविदाएं प्रक्रियाओं, एयरोस्पेस और डिफेंस के साथ साथ अन्य निर्माण गतिविधियों को करना शामिल है।
बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में वर्तमान हिसार हवाई अड्डे को अपग्रेड किया जाएगा और भारत सरकार के क्षेत्रीय संपर्क योजना-उडान(ष्ठ्रहृ)के तहत घरेलू हवाई अड्डे के तौर पर विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में 18 माह की समय अवधि के भीतर रात्रि में हवाई जहाजों के उतरने की सुविधा और हवाई जहाजों को आधुनिक पथ-प्रदर्शन की सुविधाएं तथा निर्धारित आधार पर संचालन के लिए संचालक, एमआरओ, नाईट लैंडिंग व पार्किंग व्यवस्था की सुविधाओं के साथ वर्तमान हवाई पटटी को 4000 फुट से बढ़ाकर 9000 फुट किया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में एयरोट्रोपोलिस जिसमें अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ साथ एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण सुविधा तथा वाणिज्य व आवासीय क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान परियोजना को विकसित कर उड्डयन हब को ब्राउन फील्ड परियोजना रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार हिसार और नई दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल और एक्सप्रैस-वे के लिए पहले से ही रेलवे मंत्रालय और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से रैपिड रेल और सड़क सम्पर्क की बातचीत कर रही है। बैठक में बताया गया कि हरियाणा सरकार भिवानी, नारनौल, करनाल और पिंजौर की वर्तमान हवाई पट्टियों के विस्तार की भी योजना बना रही है जिसे 3000 फुट से बढ़ाकर 5000 फुट किया जाएगा ताकि बड़े जहाजों और पार्किंग व्यवस्था के साथ-साथ एमआरओ की सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा सकें। वहीं, इन हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्र में एयरोस्पेस, डिफेंस और अन्य उद्योगों को स्थापित करने के लिए भी अतिरिक्त भूमि को अधिगृहित करने की भी योजना का प्रस्ताव है।
(आहूजा)