अम्बाला: अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत के परिजनों को अंबाला सेंट्रल जेल में मिलने वाले वी.आई.पी. ट्रीटमेंट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है । जेलमंत्री ने इस मामले की जांच करवाने का आश्वाशन दिया है । दरअसल कल गुरुवार को हनीप्रीत को मिलने के लिए उसके परिजन जिस गाड़ी में आए थे जेल प्रशासन ने उस गाड़ी को सीधे जेल के मुख्य द्वार तक बिना रोक टोक और बिना जांचे जाने दिया। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया।
अब इस मामले में जेल मंत्री कृष्ण पवार ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच के बाद कार्यवाही की बात की है । अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत के परिजनों को वी.आई.पी ट्रीटमेंट देने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब एक और नया मोड़ सामने आया है। हनीप्रीत के परिजन जिस गाड़ी में हनीप्रीत को मिलने अंबाला की सेंट्रल जेल में आए थे, उस गाड़ी पर काला कपड़ा चढ़ा हुआ था। बावजूद इसके सेंट्रल जेल के किसी भी अधिकारी ने इस गाड़ी को बिना रोके और जांच किए सीधा सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार तक जाने दिया।
ट्रैफिक इंचार्ज भी पता नहीं लगा पाए गाड़ी मालिक का नाम
यह अपने आप ही हनीप्रीत को दिए जाने वाले वी.आई.पी ट्रीटमेंट की कहानी बयान कर रहा है । इतना ही नहीं गाड़ी पर लगे नंबर को लेकर जब मीडिया ने अंबाला के ट्रैफिक इंचार्ज सोमेश कुमार से बात की तो उन्होंने इस नंबर को सरकार द्वारा उपलब्ध टाइम इंडिया सॉफ्टवेयर में डालकर गाड़ी के मालिक का नाम और पता जानना चाहालेकिन ताज्जुब की बात यह रही कि ना तो गाड़ी के मालिक का नाम सामने आया और ना ही उन का पता बल्कि उसकी जगह नॉट फाउंड लिखा आया।
बिना रोक टोक के अन्दर गई गाड़ी
ऐसे में सवाल ये उठता है कि हनीप्रीत के परिजन जिस गाड़ी में आए आखिर वह गाड़ी कहां रजिस्टर्ड है और उसका मालिक कौन है । पंचकूला में बलात्कारी बाबा राम रहीम के गुर्गों ने जो उत्पात मचाया उसके बाद हरियाणा पुलिस ने बाबा के उन्हीं गुर्गों को पकड़कर अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था । ऐसे में अंबाला सेंट्रल जेल को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है। हनीप्रीत से मिलने आए उसके परिजनों की गाड़ी के काले शीशे होने के बावजूद उसे बिना रोक टोक के मुख्य द्वार तक जाने को लेकर भी अंबाला जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान उठ रहे हैं।
पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे : जेल मंत्री कृष्ण पवार
अंबाला के एसएचओ ट्रैफिक सोमेश कुमार भी मानते हैं कि काले शीशे वाली गाड़ी खास परमिशन के साथ वी.आई.पी लोगों को ही दी जाती है। सवाल यह उठता है की हनीप्रीत से मिलने आए उसके परिजनों कि काले शीशे वाली गाड़ी आखिर किसकी इजाजत से सेंट्रल जेल के मुख्य द्वार तक चली गई ? और उसे अंदर जाने से पहले जांचा क्यों नही गया ? यह वह सवाल है जिसका जवाब मिलना अभी बाकी है । हनीप्रीत को मिल रहे वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर पूरा मामला अब जेल मंत्री कृष्ण पंवार तक पहुंच गया है।
कृष्ण पवार ने कहा कि उन्हें बीते रोज ही इस मामले की जानकारी मिली है। पवार ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की जेलों के लिए एक जेल मैनुअल बना हुआ है जिसमें स्पष्ट है कि भले ही कोई वी.आई.पी हो ,गाड़ी अंदर जाना अलाउड नहीं है। जेल मंत्री कृष्ण पंवार ने कहां कि जेल में सी.सी.टी. वी.लगे हुए हैं और वहां की जांच करवाएंगे। जेल मंत्री की माने तो अगर जांच में ऐसा कुछ हुआ है तो वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे ।
(राजेश जैन)