देश के शीर्ष पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाड़ियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाये जाने के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ‘‘हम खिलाड़ियों का मनोबल नहीं टूटने देंगे।’’
पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन धरना जारी रखा और उनके साथ और भी पहलवान शामिल हुए जिन्होंने इसे ‘भारतीय कुश्ती को नया जीवन देने’ की लड़ाई करार दिया। ये डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोप लगाये गए हैं।
धरने में ज्यादातर पहलवान हरियाणा से हैं।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही खिलाड़ियों की सभी चिंताओं को गंभीरता से लिया है और केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को 72 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है।
खट्टर ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाती है, लेकिन ऐसी घटनाएं कहीं न कहीं खिलाड़ियों के मनोबल को प्रभावित करती हैं। लेकिन हम उनका मनोबल नहीं टूटने देंगे।’’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और हम पूरा ध्यान देंगे।’’
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘‘यह बड़े दुर्भाग्य और शर्म की बात है कि देश के गौरव हमारे खिलाड़ियों को आज सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर और चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’’
हुड्डा ने कहा कि ये सभी पहलवान देश के खिलाड़ी हैं, लेकिन राज्य सरकार को यह भी याद रखना चाहिए कि ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा के हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके साथ खड़े होना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इस मामले में हरियाणा सरकार की चुप्पी बेहद निराशाजनक है।’’
हरियाणा से कांग्रेस की एक अन्य वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सांसद एवं डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।