चंडीगढ़ : सरकारी एजेंसियों के जरिये सरसों और सूरजमुखी की सीधे खरीद की योजना फिलहाल टल गई है। नए सिस्टम से खफा चल रहे व्यापारियों को साधते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चालू सीजन में आढ़तियों के जरिये सरसों की खरीद करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 28 मार्च को शुरू हो रही सरसों की खरीद के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
सरकारी एजेंसियों की मार्फत सरसों की खरीद के विरोध में आढ़तियों ने हड़ताल की धमकी दे रखी थी। लोकसभा चुनाव के माहौल में व्यापारियों की नाराजगी का खतरा भांपते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, पूर्व मंत्री घनश्याम सर्राफ और हरियाणा व्यापार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन शिव कुमार जैन ने सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ आढ़ती एसोसिएशन की चंडीगढ़ में बैठक कराई।
हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अशोक गुप्ता की अगुवाई में पहुंचे शिष्टमंडल ने सीएम के समक्ष कई मांगें रखी। एसोसिएशन के महासचिव विकास सिंघल ने बताया कि सीएम ने भरोसा दिलाया कि सरसों व सूरजमुखी की जो फसल नेशनल एग्रीकल्चरल एंड कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) खरीदेगा, उस पर आढ़ती को प्रति क्विंटल 40 रुपये मिलेंगे। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जरिये खरीद पर 1.25 फीसद तथा दूसरी एजेंसियों के जरिये खरीद पर 2.5 फीसद आढ़त मिलेगी।
शेष फसलें आढ़ती द्वारा ही खरीदी जाएगी व भुगतान भी आढ़ती के माध्यम से ही होगा। सरकारी खरीद के भुगतान में अगर सात दिन से ज्यादा देरी होती है तो ब्याज मिलेगा। बैठक में सहमति बनी कि दूसरे राज्यों के किसान अपनी फसल हरियाणा की मंडियों में बेच सकेंगे, लेकिन भावांतर योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा।
(राजेश जैन)