गुरुग्राम : यहां एक मकान में शनिवार सुबह बेड से एक महिला का शव मिला। शव से दुर्गंध उठ रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर का ताला तोड़कर शव कब्जे में लिया। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के लिए शव भेज दिया। महिला के पिता की शिकायत पर पुलिस ने उसके पति के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह पता चला है कि महिला और उसके पति में आए दिन झगड़े होते रहते थे। वारदात के बाद से पति लापता है।
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर जयभगवान यादव के मुताबिक 30 वर्षीय महिला की पहचान बबिता पुत्री श्रीकांत ठाकुर के रूप में हुई है। वह अपने चालक पति के साथ सेक्टर-46 के जलविहार में किराये पर रहती थी। वह मूल रूप से गया (बिहार) की रहने वाली थी। यादव ने बताया कि बबिता ने पहले पति से तलाक लेने के बाद दूसरी शादी की थी।
उसकी पहली शादी काफी पहले बिहार में ही हुई थी। इससे उसकी चार बेटियां और एक बेटा है। मृतका के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी बेटी का करीब डेढ़ साल पहले तलाक हो गया था। इसके बाद वह यहां गुरुग्राम आ गई। इस दौरान वह बहरोड़ (अलवर) के रहने वाले राजेश के संपर्क में आई और करीब छह महीने पहले हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली। इसके बाद वह दोनों सेक्टर-46 स्थित कॉलोनी के मकान में किराये पर रहने लगे।
बताया कि बबिता का पति राजेश पड़ोस में ही नारनौल का रहने वाला दिनेश कुमार की गाड़ी चलाता था। पुलिस की पूछताछ में गाड़ी के मालिक दिनेश ने बताया कि वह बीते शनिवार को अपने गांव चला गया था। पांच दिन बाद लौट कर आया तो राजेश के कमरे से बदबू आ रही थी और राजेश गायब था। इस पर उसने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने घर का ताला तोड़ कर दीवान के अंदर से बबिता का शव बरामद किया।
पांच दिन पहले हत्या की आशंका
पुलिस का अनुमान है कि महिला की हत्या पांच दिन पहले हुई होगी। पड़ोसियों ने बताया कि महिला का पति भी राजेश पांच दिन से लापता है। शव भी बेड में रखे रखे सडऩे की हालत में पहुंच चुकी है। जांच अधिकारी के मुताबिक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत की असली वजह का खुलासा हो सकेगा।
दोनों में अक्सर होता था झगड़ा
पुलिस को पड़ोसियों ने बताया कि राजेश और बबिता के बीच आए दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता था। इन्हीं झगड़ों की वजह से पांच दिन बबिता ने पहले पति के अपने पांचों बच्चों को पास में ही रह रहे अपने पिता श्रीकांत ठाकुर के घर पहुंचा दिया था। श्रीकांत ठाकुर ने बताया कि चार दिन तक उनकी बेटी जब बच्चों को लेने नहीं आई तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने आकर बेटी का घर देखा था पर ताला बंद देखकर वापस लौट गए थे। वहीं जब दिनेश ने बदबू उठने की सूचना दी तो उन्हें अनहोनी की आशंका हुई।
– सतबीर भारद्वाज