हरियाणा के सिरसा जिले में स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव और करीब 100 किसानों को एहतियाती तौर पर बुधवार को हिरासत में ले लिया गया। किसानों का यह समूह केन्द्र के नए कृषि कानून के खिलाफ व्यस्त सड़क पर प्रदर्शन कर रहा था जिन्हें पुलिस ने वहां से हटाया।
सिरसा के डीसीपी कुलदीप सिंह ने बताया कि यादव के अलावा हरियाणा किसान मंर्च के प्रमुख प्रहलाद सिंह को भी एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है। सिंह ने बताया कि किसान सिरसा में व्यस्त राजमार्ग पर धरना दे रहे थे, जहां प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों को दशहरा मैदान में धरना देने की अनुमति दी गई थी। हमने उनसे वहां जाने को कहा और उन्हें उपायुक्त कार्यालय के पास एक अन्य स्थान पर जाने का विकल्प दिया गया, लेकिन वे माने नहीं इसलिए हमने उन्हें एहतियाती तौर पर हिरासत में ले लिया।’’
उन्होंने कहा कि किसानों के व्यस्त सड़क के बीच धरना देने की वजह से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही थी। किसानों को प्रशासन की बसों और अन्य वाहनों में नजदीकी पुलिस थाने ले जाया गया।
सिरसा पुलिस कुछ हिरासत में लिए गए किसान साथीयों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है और कुछ को रिहा कर रही है। केस दर्ज करने के खिलाफ किसान साथी सिरसा सदन थाने के अंदर धरने पर बैठ गए हैं।सरकार इस आंदोलन को खतम करने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन किसानों की आवाज़ अब दबने वाली नही है। pic.twitter.com/tijb8yGm9r— Swaraj India (@_SwarajIndia) October 7, 2020
यादव ने ट्वीट किया , ‘‘ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ, मुझे भी सिरसा में प्रदर्शन स्थल से हिरासत में लेकर पुलिस थाना सदर ले जाया गया।’’ यादव ने दावा किया कि हरियाणा सरकार किसानों के सवालों से बौखला गई है और ‘‘असंतोष को रोकने के लिए बल’’ का इस्तेमाल कर रही है।
हरियाणा के सिरसा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे की मांग कर रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया. @_YogendraYadav भी हिरासत में लिए गए. किसानों ने मोर्चा जारी रखने का ऐलान किया है.#dushyantchautala #Haryana #FarmersProtest pic.twitter.com/ere1e4mzYW
— Hind Kisan (@hindkisan_in) October 7, 2020
यादव ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ मुझे हरियाणा पुलिस ने सिरसा में एक शांतिपूर्ण धरने में शामिल होने के लिए हिरासत में लिया है। धरना स्थल ध्वस्त। लगभग 100 किसानों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया। जाहिर है, हरियाणा सरकार किसानों के सवालों से बौखला गई है, असंतोष को रोकने के लिए निर्ममतापूर्वक बल का इस्तेमाल किया गया।’’