फरीदाबाद : मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने 32वें अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुण्ड षिल्प मेला का उदघाटन किया। यह सूरजकुण्ड मेला 2 फरवरी से 18 फरवरी 2018 के बीच आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूरजकुण्ड में आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर एक प्रसन्नता की अनुभूति हो रही हैं इस मेला में उत्तर प्रदेश को थीम राज्य के रूप में यहां पर अपने राज्य की कलाएं प्रदर्शित करने का एक अच्छा मंच प्रदान किया गया है, जिसके लिए वे हरियाणा के मनोहर लाल सहित हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने भागीदार देष किर्गीस्तान तथा अन्य देषों से आए हुए गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस मेला को नई ऊंचाईयां प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि इस मेला में स्टालों के साथ.साथ मेला की अवधि को भी बढाया गया है जो पहले 14 दिन की थी को 16 दिन किया गया है। इसके अलावाए हरियाणा सरकार द्वारा इस मेला को साल में दो बार आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि कलाकारों बुनकरों सहित अन्य हस्तशिल्पियों को ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान किया जा सकें। उन्होंने कहा कि इस मेला में उत्तर प्रदेष को थीम राज्य के रूप में आने का मौका मिला है जहां पर एक साथ मथुरा, वृदंावन, आयोध्या, प्रयागराज, काशी के घाटों के साथ-साथ अन्य प्रसिद्ध स्थलों के द्वारों व कलाकृतियों को दर्षाया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेष सरकार ने एक जिला। एक उत्पाद योजना को शुरू किया हैं जिसके तहत प्रत्येक जनपद एक विशिष्ट पहचान रखे हुए हैं जिसे बढ़ावा देने के लिए यह योजना बनाई गई है और इस मेले में भी उत्तर प्रदेष की संस्कृति के साथ-साथ वहां पर बनने वाले प्रमुख उत्पादों को दिखाने का अवसर मिलेगा।
खट्टर ने कहा हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत देष कलाओं सभ्यता संस्कृति और संगम स्थानों का एक प्राचीन स्थल है। उन्होंने कहा कि पडौसी राज्येां के संबंध प्रगाढ बनेए इसके लिए ऐसे मेलों का आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेष एक बडा राज्य हैं और वहां की संस्कृति का रंग यहां पर होगा। उन्होंने कहा कि भारत आदिकाल से ही सांस्कृतिक एकता व ईकाई के लिए जाना जाता है यहां पर किसी भी प्रकार का सांस्कृतिक वैरियर नहीं हैं अर्थात उत्तर प्रदेश वाली दीपावली मनाते हैं तो हरियाणा वाले भी दीपावली मनाते हैं। प्रकार पर्वोंए त्यौहारों परंपराओं की एक विरासत हैं।
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– राकेश देव